Industrial Goods/Services
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Updated on 11 Nov 2025, 05:55 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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एनआरबी बियरिंग्स ने वित्तीय वर्ष 2025-26 (Q2FY26) की दूसरी तिमाही के लिए मजबूत वित्तीय परिणाम दर्ज किए हैं। कंपनी का कर पश्चात लाभ (PAT) साल-दर-साल 15.2% बढ़कर ₹41.4 करोड़ हो गया, जो पिछले वर्ष की इसी तिमाही के ₹35.9 करोड़ से अधिक है। परिचालन से राजस्व भी 7.9% बढ़कर ₹301.5 करोड़ से ₹325.2 करोड़ हो गया। ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (EBITDA) 9.1% बढ़कर ₹67.9 करोड़ हो गई, और EBITDA मार्जिन थोड़ा बढ़कर 20.9% हो गया, जो पिछले 20.6% से अधिक है।
प्रदर्शन पर टिप्पणी करते हुए, प्रबंध निदेशक हर्षबीना ज़वेरी ने गहरे बाजार पैठ, उत्पाद श्रृंखला के विस्तार और आर एंड डी का लाभ उठाने से प्रेरित स्थिर वृद्धि पर प्रकाश डाला। कंपनी आक्रामक रूप से औद्योगिक घर्षण समाधान (industrial friction solutions) सेगमेंट को लक्षित कर रही है।
इसके अतिरिक्त, एनआरबी बियरिंग्स ₹200 करोड़ की विस्तार योजना शुरू करने जा रही है, जो 2031 तक ₹2,500 करोड़ से अधिक का कारोबार हासिल करने के रोडमैप का पहला चरण है। इस रणनीतिक पहल में वैश्विक संयुक्त उद्यमों का गठन, अधिग्रहण, विनिर्माण सुविधाओं का आधुनिकीकरण और स्वचालन (automation) को बढ़ाना शामिल है। कंपनी अपने स्थापित ऑटोमोटिव उपस्थिति से परे, औद्योगिक, एयरोस्पेस और रक्षा जैसे उच्च-प्रवेश बाधा वाले उद्योगों में भी विविधता लाने की योजना बना रही है।
प्रभाव यह खबर एनआरबी बियरिंग्स के लिए अत्यंत सकारात्मक है, जो मजबूत परिचालन निष्पादन और एक स्पष्ट, महत्वाकांक्षी विकास रणनीति का संकेत देती है। निवेशक इसके विस्तार और विविधीकरण के प्रयासों की प्रगति पर बारीकी से नजर रखेंगे, जिससे भविष्य की लाभप्रदता बढ़ने की उम्मीद है।
प्रभाव रेटिंग: 8/10
परिभाषाएँ: कर पश्चात लाभ (PAT): सभी खर्चों और करों में कटौती के बाद शेष शुद्ध लाभ। परिचालन से राजस्व: कंपनी की प्राथमिक व्यावसायिक गतिविधियों से उत्पन्न कुल आय। EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई): कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का एक माप, जिसमें वित्तपोषण लागत, कर और मूल्यह्रास जैसे गैर-नकद व्यय को शामिल नहीं किया जाता है। EBITDA मार्जिन: राजस्व के प्रतिशत के रूप में EBITDA, जो परिचालन लाभप्रदता को दर्शाता है। OEMs (मूल उपकरण निर्माता): वे कंपनियाँ जो अन्य कंपनियों के अंतिम उत्पादों में उपयोग किए जाने वाले पुर्जे या उत्पाद बनाती हैं। मोबिलिटी फ्रिक्शन सॉल्यूशंस: गति को नियंत्रित करने या रोकने से संबंधित उत्पाद, आमतौर पर ऑटोमोटिव क्षेत्र में (जैसे, ब्रेक, क्लच)। जीएसटी कार्यान्वयन में देरी: वह अवधि जब वस्तु एवं सेवा कर (GST) का रोलआउट या उसका पूर्ण प्रभाव स्थगित कर दिया गया था, जिससे बाजार की मांग या परिचालन दक्षता प्रभावित हो सकती थी। मास-कस्टमाइजेशन: उच्च मात्रा में व्यक्तिगत ग्राहक की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने वाले माल का उत्पादन, जो बड़े पैमाने पर उत्पादन की दक्षता को निजीकरण के साथ जोड़ता है।