Industrial Goods/Services
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Updated on 12 Nov 2025, 02:40 pm
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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इरकॉन इंटरनेशनल लिमिटेड, एक सरकारी निर्माण फर्म, ने वित्तीय वर्ष 2025-2026 की दूसरी तिमाही के लिए अपने वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं, जिसमें एक महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई है। 30 सितंबर, 2025 को समाप्त हुई तिमाही के लिए शुद्ध लाभ पिछले साल की समान अवधि में ₹205.9 करोड़ की तुलना में 33.7% घटकर ₹136.5 करोड़ हो गया। राजस्व (रेवेन्यू) में 19.2% की महत्वपूर्ण साल-दर-साल गिरावट आई, जो ₹2,447.5 करोड़ से घटकर ₹1,976 करोड़ हो गया। कंपनी की ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (EBITDA) भी 29.6% घटकर ₹141.7 करोड़ रही, जो पिछले साल ₹201 करोड़ थी। परिणामस्वरूप, EBITDA मार्जिन पिछले साल की तिमाही के 8.2% से घटकर 7.2% हो गया। 30 सितंबर, 2025 को समाप्त हुई छमाही अवधि के लिए, इरकॉन इंटरनेशनल का प्रदर्शन तिमाही रुझान जैसा ही रहा। कुल आय (टोटल इनकम) H1 FY25 में ₹4,923.9 करोड़ से घटकर ₹4,004.6 करोड़ हो गई। कर-पश्चात लाभ (प्रॉफिट आफ्टर टैक्स) साल-दर-साल ₹430.0 करोड़ से घटकर ₹300.6 करोड़ हो गया। इस वित्तीय गिरावट के बावजूद, इरकॉन इंटरनेशनल ने 30 सितंबर, 2025 तक ₹23,865 करोड़ का मजबूत ऑर्डर बुक बनाए रखा, जिसमें रेलवे, राजमार्गों और अन्य परियोजनाओं के लिए पर्याप्त हिस्सेदारी है। प्रभाव: इस खबर का इरकॉन इंटरनेशनल के शेयर की कीमत पर असर पड़ सकता है क्योंकि निवेशक घटे हुए मुनाफे और राजस्व पर प्रतिक्रिया देंगे। इससे कंपनी की अल्पकालिक आय क्षमता को लेकर निवेशकों में सतर्क भावना पैदा हो सकती है। हालांकि, बड़ा ऑर्डर बुक भविष्य के राजस्व के लिए कुछ दृश्यता प्रदान करता है, जो कुछ नकारात्मक प्रभाव को कम कर सकता है।