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28th October 2025, 9:40 AM

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ओला इलेक्ट्रिक ने एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है जहां ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) ने अपने इन-हाउस विकसित 4680 भारत सेल बैटरी पैक, विशेष रूप से 5.2 kWh वेरिएंट के लिए सर्टिफिकेशन प्रदान किया है। यह सर्टिफिकेशन, AIS-156 संशोधन 4 के तहत प्राप्त हुई है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) और उनकी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के लिए भारत के कठोर सुरक्षा और पर्यावरणीय नियमों के अनुपालन का प्रमाण है। ये नियम ओवर-चार्जिंग, थर्मल रनअवे, शॉर्ट सर्किट और पानी के प्रवेश (IPX7) से सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण पहलुओं को कवर करते हैं।\n\nयह विकास ओला इलेक्ट्रिक को अपने मालिकाना बैटरी सेल को अपने आगामी वाहनों में एकीकृत करने का मार्ग प्रशस्त करता है, जिसमें S1 Pro+ इलेक्ट्रिक स्कूटर सबसे पहले शामिल होगा। कंपनी इसे भारत की EV तकनीक में नेतृत्व स्थापित करने और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं, विशेषकर चीन और कोरिया से आयात पर निर्भरता कम करने की अपनी महत्वाकांक्षा का एक निर्णायक क्षण मानती है। ओला इलेक्ट्रिक का दावा है कि उसका 4680 भारत सेल, मौजूदा 2170 सेल्स की तुलना में पांच गुना अधिक ऊर्जा घनत्व (275 Wh/kg) प्रदान करता है, जो बेहतर रेंज, प्रदर्शन और यूनिट इकोनॉमिक्स का वादा करता है।\n\nकंपनी ने अपनी बैटरी निर्माण क्षमताओं में भारी निवेश किया है, जिसमें हाल ही में ओला सेल टेक्नोलॉजीज में 199 करोड़ रुपये का निवेश और R&D के लिए IPO फंड का पुनर्गठन शामिल है। इन इन-हाउस सेल्स का एकीकरण ओला इलेक्ट्रिक की लाभप्रदता रणनीति का केंद्रबिंदु माना जा रहा है, जिससे मार्जिन में महत्वपूर्ण वृद्धि की उम्मीद है।\n\nप्रभाव:\nयह सर्टिफिकेशन ओला इलेक्ट्रिक के लिए तकनीकी आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और कम आयात लागत और बेहतर उत्पाद प्रदर्शन के माध्यम से लाभप्रदता में सुधार करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। यह भारत में घरेलू EV घटक निर्माण के लिए प्रगति का संकेत भी देता है, जो कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति और प्रतिस्पर्धी EV बाजार में प्रभावी ढंग से प्रतिस्पर्धा करने की क्षमता में निवेशक के विश्वास को प्रभावित कर सकता है। इन-हाउस बैटरी उत्पादन की ओर बढ़ना प्रतिस्पर्धी EV बाजार में स्थायी विकास के लिए महत्वपूर्ण है।\n\nरेटिंग: 7/10\n\nकठिन शब्द:\nARAI: ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया, भारत में एक अग्रणी ऑटोमोटिव R&D संगठन।\nAIS-156 संशोधन 4: भारत के ऑटोमोटिव उद्योग मानकों का एक विशिष्ट संशोधन, जो इलेक्ट्रिक वाहन बैटरियों के लिए सुरक्षा और प्रदर्शन आवश्यकताओं का विवरण देता है।\nkWh: किलोवाट-घंटा, विद्युत ऊर्जा की एक इकाई, जिसका उपयोग बैटरी क्षमता को मापने के लिए किया जाता है।\nथर्मल रनअवे: एक खतरनाक स्थिति जहां बैटरी सेल का तापमान अनियंत्रित रूप से बढ़ जाता है, जिससे आग या विस्फोट का खतरा हो सकता है।\nशॉर्ट सर्किट: एक विद्युत दोष जिसके कारण असामान्य करंट प्रवाह होता है, अक्सर ओवरहीटिंग और क्षति का कारण बनता है।\nIPX7: एक इनग्रेस प्रोटेक्शन रेटिंग जो 30 मिनट के लिए 1 मीटर पानी में डूबने से सुरक्षा का संकेत देती है।\nWh/kg: वाट-घंटा प्रति किलोग्राम, विशिष्ट ऊर्जा घनत्व की एक इकाई, जो बताती है कि बैटरी प्रति इकाई द्रव्यमान कितनी ऊर्जा संग्रहीत कर सकती है।\nगीगाफैक्टरी: एक बहुत बड़े पैमाने की निर्माण सुविधा, मुख्य रूप से बैटरियों के लिए।\nIPO: इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग, एक निजी कंपनी द्वारा पहली बार जनता को शेयर बेचने की प्रक्रिया।\nFY26: वित्तीय वर्ष 2026, 31 मार्च, 2026 को समाप्त होने वाला वित्तीय वर्ष।\nYoY: वर्ष-दर-वर्ष (Year-over-Year), वित्तीय डेटा की पिछले वर्ष की समान अवधि से तुलना करने की विधि।