Industrial Goods/Services
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28th October 2025, 7:39 PM

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केंद्रीय मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने इंडिया मैरीटाइम वीक 2025 के दौरान भारत के प्रमुख बंदरगाहों के लिए महत्वाकांक्षी योजनाओं की घोषणा की है। मुख्य बात यह है कि 2047 तक लैंडलॉर्ड पोर्ट मॉडल में पूर्ण परिवर्तन होगा। इसका मतलब है कि बंदरगाह प्राधिकरण बुनियादी ढांचे के स्वामित्व और प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करेंगे, जबकि निजी संस्थाएं सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) के माध्यम से कार्गो संचालन को संभालेगी। वर्तमान में, घरेलू कार्गो का लगभग 60% PPP ऑपरेटरों द्वारा प्रबंधित किया जाता है, और यह आंकड़ा 2030 तक 85% तक पहुंचने की उम्मीद है। संचालन को बेहतर बनाने के लिए, बंदरगाह 'जस्ट-इन-टाइम' आगमन प्रणाली और 'स्मार्ट पोर्ट टेक्नोलॉजीज' अपनाएंगे, जिनका उद्देश्य जहाजों के टर्नअराउंड समय को कम करना और समग्र दक्षता में सुधार करना है। इसके अलावा, भारत के बंदरगाहों को महत्वपूर्ण 'ग्रीन हाइड्रोजन हब' के रूप में स्थापित किया जा रहा है। ग्रीन हाइड्रोजन-आधारित ई-ईंधन क्षमता के लिए 12 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक की घोषणा की गई है, और बंदरगाह इस स्वच्छ ईंधन के उत्पादन, बंकरिंग और निर्यात के केंद्र बनेंगे। प्रभाव: यह रणनीतिक बदलाव भारत के लॉजिस्टिक्स बुनियादी ढांचे को आधुनिक बनाने, महत्वपूर्ण निजी निवेश को आकर्षित करने और वैश्विक ऊर्जा संक्रमण में देश की भूमिका को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। दक्षता और हरित प्रौद्योगिकी पर ध्यान केंद्रित करने से व्यापार में लागत में कमी आ सकती है और संबंधित उद्योगों को महत्वपूर्ण बढ़ावा मिल सकता है। रेटिंग: 8/10।