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कलपतंरू प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड ने Q2 FY26 में मजबूत राजस्व वृद्धि के दम पर 89% लाभ में उछाल दर्ज किया।

Industrial Goods/Services

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31st October 2025, 1:01 PM

कलपतंरू प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड ने Q2 FY26 में मजबूत राजस्व वृद्धि के दम पर 89% लाभ में उछाल दर्ज किया।

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Stocks Mentioned :

Kalpataru Projects International Limited

Short Description :

कलपतंरू प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (KPIL) ने Q2 FY26 के लिए समेकित शुद्ध लाभ (PAT) में पिछले वर्ष की तुलना में 89% की वृद्धि दर्ज की है, जो ₹237 करोड़ रहा। कंपनी का अब तक का सबसे अधिक Q2 राजस्व भी 32% बढ़कर ₹6,529 करोड़ रहा, जो मजबूत निष्पादन और कुशल प्रबंधन से प्रेरित है। FY26 की पहली छमाही में समेकित लाभ 115% बढ़कर दोगुना से अधिक हो गया। कंपनी के पास ₹64,682 करोड़ का एक मजबूत ऑर्डर बुक बना हुआ है।

Detailed Coverage :

कलपतंरू प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (KPIL) ने वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2) के लिए अपने वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं, जिसमें समेकित कर-पश्चात लाभ (Consolidated Profit After Tax - PAT) ₹237 करोड़ दर्ज किया गया है। यह पिछले वर्ष की समान अवधि में ₹126 करोड़ की तुलना में 89% की उल्लेखनीय वृद्धि है। कंपनी ने ₹6,529 करोड़ का रिकॉर्ड-उच्च Q2 राजस्व भी हासिल किया, जो साल-दर-साल 32% की वृद्धि दर्शाता है। कर-पूर्व लाभ (Profit Before Tax - PBT) 71% बढ़कर ₹322 करोड़ हो गया, और PBT मार्जिन 110 आधार अंकों (basis points) सुधरकर 4.9% हो गया। ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (Earnings Before Interest, Taxes, Depreciation, and Amortization - EBITDA) 28% बढ़कर ₹561 करोड़ हो गई, जिसमें 8.6% का मार्जिन बनाए रखा गया। FY26 की पहली छमाही के लिए, समेकित राजस्व ₹12,700 करोड़ रहा, जो 33% की वृद्धि है, जबकि PAT 115% बढ़कर ₹451 करोड़ हो गया। प्रबंध निदेशक और सीईओ मनीष मोहलोत (Manish Mohnot) ने इस प्रदर्शन का श्रेय लाभदायक विकास पर ध्यान केंद्रित करने और कुशल कार्यशील पूंजी प्रबंधन को दिया। KPIL की शुद्ध कार्यशील पूंजी 8 दिनों से घटकर 90 दिन हो गई है, और शुद्ध ऋण (Net Debt) 14% घटकर ₹3,169 करोड़ हो गया है। कंपनी का ऑर्डर बुक ₹64,682 करोड़ पर मजबूत बना हुआ है, जिसमें साल-दर-तारीख ₹14,951 करोड़ के नए ऑर्डर शामिल हैं। KPIL ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (Transmission and Distribution - T&D) व्यवसाय में ₹5,000 करोड़ के अतिरिक्त ऑर्डर के लिए भी अच्छी स्थिति में है। प्रभाव: ये मजबूत वित्तीय परिणाम, विशेष रूप से महत्वपूर्ण लाभ और राजस्व वृद्धि और बढ़ता हुआ ऑर्डर बुक, निवेशक भावना के लिए अत्यधिक सकारात्मक हैं। वे मजबूत परिचालन प्रदर्शन और भविष्य की राजस्व दृश्यता दर्शाते हैं, जिससे निवेशक विश्वास और संभावित स्टॉक मूल्य वृद्धि हो सकती है। रेटिंग: 8/10 हेडिंग: कठिन शब्दों का सरलीकरण Consolidated Profit After Tax (PAT) (समेकित कर-पश्चात लाभ): यह एक कंपनी और उसकी सभी सहायक कंपनियों का कुल लाभ है, जिसमें सभी खर्चों, करों को घटाने के बाद। Revenue (राजस्व): कंपनी द्वारा अपनी प्राथमिक व्यावसायिक गतिविधियों से अर्जित कुल आय, खर्चों को घटाने से पहले। Profit Before Tax (PBT) (कर-पूर्व लाभ): कंपनी द्वारा करों को घटाने से पहले अर्जित लाभ। Margins (मार्जिन): लाभ और राजस्व का अनुपात, जो दर्शाता है कि प्रति इकाई राजस्व पर कितना लाभ उत्पन्न हो रहा है। Basis Points (आधार अंक): वित्त में उपयोग की जाने वाली एक इकाई, जो एक प्रतिशत के सौवें हिस्से (0.01%) के बराबर होती है। 110 आधार अंक 1.1% के बराबर होते हैं। EBITDA (ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई): यह कंपनी के परिचालन प्रदर्शन का एक माप है, जिसमें ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन का हिसाब नहीं लिया जाता है। Net Working Capital (शुद्ध कार्यशील पूंजी): कंपनी की चालू संपत्तियों और चालू देनदारियों के बीच का अंतर, जो दिन-प्रतिदिन के संचालन के लिए उपलब्ध तरलता का प्रतिनिधित्व करता है। दिनों की कम संख्या आमतौर पर अधिक कुशल नकदी प्रबंधन का संकेत देती है। Net Debt (शुद्ध ऋण): कंपनी के कुल ऋण की राशि, उसमें से उसके पास मौजूद नकदी और नकदी समकक्षों को घटाने के बाद। Order Book (ऑर्डर बुक): कंपनी को मिले उन अनुबंधों का कुल मूल्य जिन्हें अभी तक पूरा नहीं किया गया है। Transmission and Distribution (T&D) (ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन): बिजली उत्पादन संयंत्रों से बिजली को सबस्टेशनों तक पहुंचाने और फिर उसे अंतिम उपयोगकर्ताओं तक वितरित करने की प्रक्रिया को संदर्भित करता है।