Industrial Goods/Services
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31st October 2025, 10:22 AM
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कलपतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड (KPIL) ने सितंबर तिमाही के लिए प्रभावशाली वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं, जिसमें समेकित शुद्ध लाभ (consolidated net profit) साल-दर-साल (YoY) 89% बढ़कर ₹237.39 करोड़ हो गया है। यह महत्वपूर्ण उछाल पिछले साल की समान तिमाही में दर्ज ₹125.56 करोड़ के मुनाफे से कहीं अधिक है। कंपनी की कुल आय (total income) में भी उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि में ₹4,946.98 करोड़ से बढ़कर ₹6,551.96 करोड़ हो गई।
KPIL ने वित्त वर्ष 26 में अब तक ₹14,951 करोड़ के नए ऑर्डर हासिल करके अपने मजबूत प्रदर्शन को उजागर किया है, जो 26% साल-दर-साल वृद्धि है। इसके अतिरिक्त, कंपनी ₹5,000 करोड़ के ऑर्डरों के लिए अनुकूल स्थिति में है। 30 सितंबर, 2025 तक, KPIL की समेकित ऑर्डर बुक ₹64,682 करोड़ पर मजबूत बनी हुई है।
मनीष मोहलोत, प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) KPIL ने बताया कि यह तिमाही राजस्व और लाभप्रदता के मामले में कंपनी के लिए अब तक की सर्वश्रेष्ठ दूसरी तिमाही रही। उन्होंने नोट किया कि समेकित राजस्व 32% YoY बढ़ा, कर-पूर्व लाभ (Profit Before Tax - PBT) 71% YoY बढ़ा, और कर-पश्चात लाभ (Profit After Tax - PAT) 89% YoY बढ़ा, जिसके साथ मार्जिन 110 आधार अंक बढ़कर 4.9% हो गया। मोहलोत ने इस सफलता का श्रेय कंपनी के व्यापार मॉडल को दिया, जो लाभदायक वृद्धि, विविधीकरण, कुशल कार्यशील पूंजी प्रबंधन और क्षमता निर्माण पर केंद्रित है। आगे बढ़ते हुए, KPIL परियोजना वितरण को बेहतर बनाने, अपनी बैलेंस शीट को मजबूत करने और उच्च-विकास वाले व्यावसायिक क्षेत्रों, विशेष रूप से पावर ट्रांसमिशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन (T&D) और सिविल निर्माण में निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है।
प्रभाव: यह खबर भारतीय शेयर बाजार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। कलपतरु प्रोजेक्ट्स इंटरनेशनल लिमिटेड का मजबूत वित्तीय प्रदर्शन, जिसमें 89% मुनाफे में उछाल और ₹64,000 करोड़ से अधिक की मजबूत ऑर्डर बुक शामिल है, अवसंरचना और निर्माण क्षेत्र में स्वस्थ वृद्धि का संकेत देता है। यह सकारात्मक प्रदर्शन KPIL और संभवतः औद्योगिक और अवसंरचना क्षेत्रों की अन्य कंपनियों में निवेशकों के विश्वास को बढ़ा सकता है, जिससे निवेशकों की रुचि बढ़ सकती है और शेयर की कीमतों पर प्रभाव पड़ सकता है। कंपनी के मजबूत निष्पादन और भविष्य के दृष्टिकोण भारतीय अर्थव्यवस्था में निरंतर सकारात्मक योगदान का सुझाव देते हैं।