Industrial Goods/Services
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29th October 2025, 8:19 AM

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इलेक्ट्रिक वाहन (EV) पावरट्रेन सॉल्यूशंस प्रदाता TSUYO मैन्युफैक्चरिंग ने अपने प्री-सीरीज़ A फंडिंग राउंड में सफलतापूर्वक INR 40 करोड़ (लगभग $4.5 मिलियन) हासिल किए हैं, जिसमें Avaana Capital ने निवेश का नेतृत्व किया। यह पूंजी निवेश महत्वपूर्ण विस्तार के लिए है, जिसमें एक नई ग्रीनफील्ड मैन्युफैक्चरिंग सुविधा की स्थापना, अनुसंधान और विकास (R&D) गतिविधियों में वृद्धि, और भारी वाणिज्यिक वाहनों के विद्युतीकरण और रेट्रोफिट समाधानों पर केंद्रित नवाचारों को बढ़ाना शामिल है। नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट TSUYO की तीसरी होगी और यह उच्च-वाट क्षमता वाली इलेक्ट्रिक मोटर्स (250 kW तक) और ट्रांसमिशन असेंबली के उत्पादन में विशेषज्ञता हासिल करेगी। इसमें एक वाहन परीक्षण ट्रैक और उन्नत एंड-ऑफ-लाइन सत्यापन प्रणालियाँ भी होंगी, जो PM E-DRIVE और FAME मानकों के अनुपालन को सुनिश्चित करेंगी। साथ ही, विस्तारित R&D केंद्र पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, एम्बेडेड सिस्टम और प्रोटोटाइप विकास जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करेगा। 2020 में स्थापित, TSUYO इलेक्ट्रिक मोटर्स, कंट्रोलर्स और इंटीग्रेटेड पावरट्रेन सिस्टम डिजाइन, विकसित और निर्माण करती है। कंपनी के पास 25 से अधिक मूल उपकरण निर्माताओं (OEMs) का एक मजबूत ग्राहक आधार है, जिसमें महिंद्रा एंड महिंद्रा लिमिटेड, Eicher Motors Limited, Sonalika, और Hero MotoCorp Limited जैसे प्रमुख नाम शामिल हैं, जिन्होंने अपनी स्थापना के बाद से 1.5 लाख से अधिक यूनिट्स की आपूर्ति की है। अपनी घरेलू महत्वाकांक्षाओं से परे, TSUYO ने अंतरराष्ट्रीय बाजारों पर भी नज़र गड़ाई है, और दक्षिण पूर्व एशिया, जापान, कोरिया और यूरोप में विस्तार की योजना बना रही है। यह फंडिंग राउंड रामकृष्ण फोर्जिंग्स से पांच वर्षों में INR 100 करोड़ के निवेश की मंजूरी के संदर्भ में भी आया है, हालांकि रामकृष्ण फोर्जिंग्स ने हाल ही में TSUYO में अपने वैकल्पिक कन्वर्टिबल डिबेंचर में से कुछ को भुनाया है। Impact: यह फंडिंग TSUYO मैन्युफैक्चरिंग के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, जो इसे उत्पादन क्षमता और तकनीकी क्षमताओं को बढ़ाने में सक्षम बनाती है। यह EV अपनाने और घटक निर्माण के स्थानीयकरण के लिए भारत के व्यापक प्रयास का समर्थन करता है, जो संभावित रूप से आयात पर निर्भरता को कम करता है और घरेलू EV पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करता है। नए बाजारों में विस्तार से EV क्षेत्र में भारत की निर्यात क्षमता को भी बढ़ावा मिल सकता है। Impact Rating: 7/10 Difficult Terms Explained: Greenfield manufacturing facility: एक नई निर्माण सुविधा जो एक अविकसित साइट पर बिल्कुल शुरुआत से बनाई गई हो। R&D (Research and Development): नवाचार, खोज और उत्पाद विकास पर केंद्रित गतिविधियाँ। High-wattage electric motors: इलेक्ट्रिक मोटर्स जो बड़ी मात्रा में शक्ति उत्पन्न करने में सक्षम हों। Transmission assemblies: वह सिस्टम जो इलेक्ट्रिक मोटर से वाहन के पहियों तक शक्ति पहुंचाता है। OEMs (Original Equipment Manufacturers): वे कंपनियाँ जो अन्य कंपनियों के अंतिम उत्पादों में उपयोग किए जाने वाले उत्पाद और घटक बनाती हैं। PM E-DRIVE और FAME standards: भारत में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सरकारी पहल और मानक। Power electronics: विद्युत शक्ति को नियंत्रित और परिवर्तित करने वाली इलेक्ट्रॉनिक प्रणालियाँ, जो EV प्रदर्शन और दक्षता के लिए आवश्यक हैं। Embedded systems: किसी बड़े यांत्रिक या विद्युत प्रणाली (जैसे EV के कंट्रोलर) के भीतर एक विशिष्ट कार्य के लिए डिज़ाइन किए गए विशेष कंप्यूटर सिस्टम। Prototype development: डिजाइन और कार्यक्षमता का परीक्षण करने के लिए किसी उत्पाद का प्रारंभिक मॉडल या नमूना बनाने की प्रक्रिया। Optional Convertible Debentures (OCDs): एक प्रकार की ऋण प्रतिभूति जिसे कुछ शर्तों के तहत इक्विटी शेयरों में परिवर्तित किया जा सकता है। Localization: आयात करने के बजाय किसी देश के भीतर माल या घटकों का उत्पादन करने की प्रक्रिया।