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एप्सिलॉन कार्बन ने एल्युमीनियम बहरीन के साथ कोयला टार पिच आपूर्ति के लिए 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता किया

Industrial Goods/Services

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2nd November 2025, 12:59 PM

एप्सिलॉन कार्बन ने एल्युमीनियम बहरीन के साथ कोयला टार पिच आपूर्ति के लिए 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर का समझौता किया

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Short Description :

एप्सिलॉन कार्बन ने एल्युमीनियम बहरीन (अल्बा) के साथ 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए हैं ताकि मध्य पूर्व में लिक्विड कोयला टार पिच की दीर्घकालिक आपूर्ति सुरक्षित की जा सके। इस सहयोग का उद्देश्य क्षेत्र के लिए एक स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करना है। एप्सिलॉन कार्बन अपनी कोयला टार पिच उत्पादन क्षमता और वैश्विक बैटरी सामग्री संचालन का भी महत्वपूर्ण विस्तार कर रहा है, जिसकी 2027 तक सार्वजनिक होने की योजना है।

Detailed Coverage :

भारत की कंपनी एप्सिलॉन कार्बन, जो कोयला टार पिच में अग्रणी है, ने एल्युमीनियम बहरीन (अल्बा) के साथ 20 मिलियन अमेरिकी डॉलर के समझौता ज्ञापन (MOU) की घोषणा की है। यह समझौता मध्य पूर्व क्षेत्र में लिक्विड कोयला टार पिच की दीर्घकालिक आपूर्ति पर केंद्रित है। कंपनी बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए अगले वर्ष तक अपनी कोयला टार पिच (CTP) उत्पादन क्षमता को वर्तमान 180,000 टन से बढ़ाकर 300,000 टन करने का इरादा रखती है।

मध्य पूर्व क्षेत्र, जिसमें बहरीन, कतर और सऊदी अरब के स्मेल्टर शामिल हैं, सालाना लगभग 250,000 टन पिच की खपत करता है, जो काफी हद तक पूर्वी एशिया से आयात किया जाता है। एप्सिलॉन कार्बन भारत से लाए गए पिच को संसाधित करने के लिए बहरीन में एक स्थानीय पिघलने की सुविधा स्थापित करने की योजना बना रहा है, जिससे क्षेत्रीय आपूर्ति श्रृंखला की मजबूती बढ़ेगी।

CTP के अलावा, एप्सिलॉन कार्बन संयुक्त राज्य अमेरिका, फिनलैंड और जर्मनी सहित अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने बैटरी सामग्री संचालन का विस्तार कर रहा है। कंपनी की भारत में भी महत्वपूर्ण निवेश योजनाएं हैं, जिसमें ओडिशा के लिए 10,000 करोड़ रुपये और कर्नाटक के लिए 500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। अपनी तीव्र वृद्धि और वैश्विक विस्तार से प्रेरित होकर, एप्सिलॉन कार्बन 2027 के अंत तक इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) का लक्ष्य बना रही है।

प्रभाव: यह रणनीतिक साझेदारी और क्षमता विस्तार एप्सिलॉन कार्बन के लिए राजस्व और लाभप्रदता बढ़ा सकता है, जो भारतीय निवेशकों के लिए फायदेमंद हो सकता है। मध्य पूर्व में विस्तार से इसकी वैश्विक उपस्थिति मजबूत होती है, और IPO योजनाएं भारतीय शेयर बाजार में भविष्य के निवेश के अवसर प्रदान करती हैं।