Industrial Goods/Services
|
1st November 2025, 1:56 AM
▶
भारत घटक आयात से आगे बढ़कर एक मजबूत स्थानीय उत्पादन आधार स्थापित करने के लिए अपनी इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्षमताओं में तेजी ला रहा है। सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना इस रणनीति का एक मुख्य आधार है, जिसका उद्देश्य नवाचार, दक्षता और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाकर भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र में बदलना है।
वित्त वर्ष 2025-26 के लिए, PLI योजना के तहत इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी हार्डवेयर के लिए बजटीय आवंटन को 5,777 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 9,000 करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो घरेलू विनिर्माण के प्रति राष्ट्र की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
इस नीतिगत प्रयास से पहले ही प्रभावशाली परिणाम मिले हैं। मोबाइल फोन का स्थानीय उत्पादन 2014-15 में 5.8 करोड़ यूनिट से बढ़कर 2023-24 में 33 करोड़ यूनिट हो गया है, जिसके साथ आयात में उल्लेखनीय कमी और निर्यात में 5 करोड़ यूनिट की वृद्धि हुई है। इस क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) में भी 254% की उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण का माहौल वर्तमान में एक महत्वपूर्ण मोड़ पर है, जो स्मार्टफोन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी हार्डवेयर, ईवी इलेक्ट्रॉनिक्स और स्वचालन (automation) की बढ़ती मांग से प्रेरित है, जिससे विस्तार के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर मिल रहा है।
यह लेख पांच प्रमुख इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण सेवा (EMS) कंपनियों की पहचान करता है जो इस वृद्धि का लाभ उठाने के लिए तैयार हैं: 1. **डिक्सन टेक्नोलॉजीज (इंडिया)**: एक नए परिसर के साथ मोबाइल विनिर्माण क्षमता का विस्तार कर रहा है, डिस्प्ले मॉड्यूल के लिए संयुक्त उद्यम (JVs) बना रहा है, और कैमरा मॉड्यूल उत्पादन बढ़ा रहा है। यह अपने दूरसंचार और आईटी हार्डवेयर सेगमेंट को भी मजबूत कर रहा है। 2. **सिरमा एसजीएस टेक्नोलॉजी**: ऑटोमोटिव और औद्योगिक जैसे उच्च-मार्जिन वाले क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, और इन महत्वपूर्ण घटकों पर भारत की आयात निर्भरता को कम करने के लिए प्रिंटेड सर्किट बोर्ड (PCB) विनिर्माण में निवेश कर रहा है। 3. **केनेस टेक्नोलॉजी इंडिया**: एक EMS प्रदाता से पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम डिजाइन और विनिर्माण (ESDM) खिलाड़ी बनने की ओर बढ़ रहा है, जिसमें ऑटोमोटिव, ईवी और रेल इलेक्ट्रॉनिक्स में महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है, और OSAT क्षमताओं का विकास कर रहा है। 4. **एवलॉन टेक्नोलॉजीज**: उच्च-मूल्य वाले परिशुद्धता-इंजीनियर्ड उत्पादों में अपनी क्षमताओं को बढ़ा रहा है, उत्पादन क्षमता का विस्तार कर रहा है, और सेमीकंडक्टर उपकरण विनिर्माण क्षेत्र में प्रवेश कर रहा है। 5. **एलिन इलेक्ट्रॉनिक्स**: उच्च-मात्रा वाले उपकरण विनिर्माण के लिए एक नई ग्रीनफील्ड सुविधा के साथ उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं (consumer durables) में अपने EMS व्यवसाय को तेजी से बढ़ा रहा है।
जबकि क्षेत्र में अपार क्षमता दिख रही है, कई कंपनियों के मूल्यांकन (valuations) ऊंचे हैं, जो यह दर्शाता है कि महत्वपूर्ण भविष्य की वृद्धि शायद पहले से ही मूल्य में शामिल है। निवेशकों को निष्पादन क्षमता (execution strength) और टिकाऊ लाभप्रदता (sustainable profitability) पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी जाती है।
प्रभाव: घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण पर यह रणनीतिक ध्यान महत्वपूर्ण औद्योगिक विकास को गति देगा, पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करेगा, भारत की तकनीकी क्षमता को बढ़ाएगा, और एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स हब के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत करेगा। यह भारत के आर्थिक विकास और आपूर्ति श्रृंखला लचीलापन (supply chain resilience) में सकारात्मक योगदान देगा।