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BEML और ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने ₹350 करोड़ के MoUs पर हस्ताक्षर किए, स्वदेशी ड्रेजिंग क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए

Industrial Goods/Services

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30th October 2025, 2:29 PM

BEML और ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने ₹350 करोड़ के MoUs पर हस्ताक्षर किए, स्वदेशी ड्रेजिंग क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए

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Stocks Mentioned :

BEML Limited

Short Description :

BEML लिमिटेड ने ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DCIL) के साथ ₹350 करोड़ के तीन समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं। ये समझौते भारत को ड्रेजिंग क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने पर केंद्रित हैं, जिसमें स्वदेशी स्पेयर पार्ट्स, अंतर्देशीय ड्रेजरों के डिजाइन और निर्माण, और विशेष ड्रेजिंग उपकरणों पर जोर दिया गया है। इस साझेदारी से आयातित उपकरणों पर निर्भरता कम होने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है।

Detailed Coverage :

BEML लिमिटेड ने ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DCIL) के साथ तीन महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिनका कुल मूल्य ₹350 करोड़ है। यह रणनीतिक सहयोग भारत के महत्वपूर्ण ड्रेजिंग क्षेत्र के भीतर स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।\n\nसमझौते तीन प्रमुख क्षेत्रों को कवर करते हैं:\n1. DCIL के मौजूदा ड्रेजरों के बेड़े के लिए घरेलू स्तर पर निर्मित स्पेयर पार्ट्स की आपूर्ति।\n2. पांच अंतर्देशीय कटर सक्शन ड्रेजरों का डिजाइन और निर्माण।\n3. जलाशय डी-सिल्टेशन तथा अंतर्देशीय जलमार्ग विकास परियोजनाओं के लिए विशेष ड्रेजिंग उपकरण, जिनमें केबल ड्रेजर, लॉन्ग-रीच एक्सकेवेटर और अनुकूलित ड्रेजिंग उपकरण शामिल हैं, का प्रावधान।\n\nइस साझेदारी के तहत, BEML ड्रेजरों और संबंधित उपकरणों की आपूर्ति, रखरखाव और समग्र जीवनचक्र समर्थन के लिए जिम्मेदार होगा। ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड इन उपकरणों की तैनाती और परिचालन पहलुओं का प्रबंधन विभिन्न समुद्री और अंतर्देशीय जलमार्ग परियोजनाओं में करेगा।\n\nBEML के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक, शांतानु रॉय ने कहा कि कंपनी का लक्ष्य इंजीनियरिंग और विनिर्माण विशेषज्ञता का लाभ उठाकर टिकाऊ ड्रेजिंग समाधान विकसित करना है जो भारत के समुद्री अवसंरचना विकास लक्ष्यों के अनुरूप हों।\n\nप्रभाव\nयह पहल भारत की आयातित ड्रेजिंग उपकरणों और स्पेयर पार्ट्स पर निर्भरता को काफी कम करने वाली है, जिससे विशेष समुद्री उपकरणों में घरेलू विनिर्माण के लिए विकास और अवसर पैदा होंगे। यह महत्वपूर्ण अवसंरचना क्षेत्रों में अधिक आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। रेटिंग: 7/10।\n\nशब्दों की व्याख्या:\nसमझौता ज्ञापन (MoUs): दो या दो से अधिक पक्षों के बीच औपचारिक समझौते जो सहयोग या परियोजना की शर्तों और समझ को रेखांकित करते हैं।\nDredging Corporation of India Limited (DCIL): भारत का एक सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम जो ड्रेजिंग संचालन करने के लिए जिम्मेदार है।\nस्वदेशी क्षमताएँ: देश के भीतर विकसित संसाधनों और विशेषज्ञता का उपयोग करके वस्तुओं का उत्पादन करने या सेवाओं का प्रदर्शन करने की क्षमता, बजाय इसके कि आयात पर निर्भर रहा जाए।\nDredger fleet: ड्रेजिंग के लिए डिज़ाइन किए गए जहाजों या नौकाओं का एक संग्रह, जिसमें किसी जल निकाय के तल से सामग्री खोदना शामिल है।\nInland cutter suction dredgers: नदियों, नहरों और झीलों से तलछट खोदने के लिए उपयोग किए जाने वाले विशेष जहाज, जिनमें रोटेटिंग कटर हेड का उपयोग होता है।\nReservoir de-siltation: जल भंडारों की भंडारण क्षमता और जल गुणवत्ता बनाए रखने के लिए संचित गाद और तलछट को हटाने की प्रक्रिया।\nMaritime infrastructure: समुद्री परिवहन, बंदरगाहों और तटीय क्षेत्रों से संबंधित सुविधाएं और प्रणालियाँ।\nLifecycle support: किसी उत्पाद के पूरे परिचालन जीवनकाल के दौरान प्रदान की जाने वाली व्यापक सेवाएँ, जिनमें रखरखाव, मरम्मत और उन्नयन शामिल हैं।