वेदांता का बड़ा कदम: NCLT ने बड़े अधिग्रहण को दी हरी झंडी, शेयर नए उच्च स्तर पर!
Overview
वेदांता लिमिटेड के शेयर 52-सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गए, जब नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) कोलकाता ने ₹545 करोड़ में इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड को अधिग्रहित करने की योजना को मंजूरी दी। इस रणनीतिक अधिग्रहण से वेदांता को इंकैब का 100% नियंत्रण मिल जाएगा, जो तांबा और एल्यूमीनियम का उपयोग करके पावर केबल और औद्योगिक तार बनाती है। यह नकद सौदा, जो वेदांता की आंतरिक कमाई से वित्तपोषित होगा, 90 दिनों के भीतर पूरा होने का लक्ष्य रखता है। यह अधिग्रहण महत्वपूर्ण वर्टिकल और डाउनस्ट्रीम तालमेल का वादा करता है, विशेष रूप से वेदांता के तांबा और एल्यूमीनियम क्षेत्रों में विकास और बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन करेगा।
Stocks Mentioned
वेदांता लिमिटेड के शेयर गुरुवार, 4 दिसंबर को एक महत्वपूर्ण नियामक मंजूरी के बाद 52-सप्ताह के नए उच्च स्तर पर पहुंच गए। नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT) कोलकाता ने वेदांता की इंकैब इंडस्ट्रीज लिमिटेड को ₹545 करोड़ में अधिग्रहित करने की समाधान योजना को हरी झंडी दे दी है, जो समूह की विस्तार रणनीति में एक बड़ा कदम है।
डील का विवरण
- वेदांता इंकैब इंडस्ट्रीज की 100% भुगतान की गई पूंजी और प्रबंधन नियंत्रण का अधिग्रहण करेगा।
- यह अधिग्रहण पूरी तरह से नकद भुगतान होगा, जो पूरी तरह से वेदांता की आंतरिक आय से वित्तपोषित होगा।
- समूह समाधान योजना की मंजूरी की तारीख से 90 दिनों के भीतर अधिग्रहण पूरा करने की योजना बना रहा है।
रणनीतिक औचित्य
- इस अधिग्रहण से वेदांता के लिए महत्वपूर्ण वर्टिकल और डाउनस्ट्रीम तालमेल (synergies) आने की उम्मीद है, क्योंकि इंकैब इंडस्ट्रीज के प्रमुख कच्चे माल तांबा और एल्यूमीनियम हैं, जो वेदांता के मुख्य धातुएं हैं।
- इंकैब इंडस्ट्रीज का पुणे विनिर्माण संयंत्र रणनीतिक रूप से वेदांता की सिल्वासा तांबा इकाई से केवल 300 किमी दूर स्थित है, जिससे लॉजिस्टिक दक्षता बढ़ेगी।
- यह कदम डाउनस्ट्रीम तांबा और एल्यूमीनियम उत्पादों में वेदांता के विकास को बढ़ावा देगा और बुनियादी ढांचे तथा ट्रांसमिशन क्षेत्रों में इसके विस्तार का समर्थन करेगा।
इंकैब इंडस्ट्रीज प्रोफाइल
- इंकैब इंडस्ट्रीज पावर केबल और औद्योगिक तार बनाती है, जिसमें तांबा और एल्यूमीनियम मुख्य कच्चे माल हैं।
- कंपनी का मुख्यालय कोलकाता में है और इसके दो विनिर्माण संयंत्र जमशेदपुर और पुणे में स्थित हैं।
- ये संयंत्र वर्तमान में गैर-संचालित (non-operational) हैं। वेदांता उन्हें पुनर्जीवित करने के लिए पूंजीगत व्यय (capital expenditure) और कार्यशील पूंजी (working capital) का निवेश करने की योजना बना रहा है।
- इंकैब की परिचालन क्षमता में पावर केबल (6,000 किमी), रबर और प्लास्टिक (274 मिलियन कोर किमी), फाइबर ऑप्टिक केबल (500 MCM), और वाइंडिंग वायर (8,150 Mt) शामिल हैं। इसकी रॉड मिल क्षमता तांबे और एल्यूमीनियम रॉड के लिए 12,000 TPA और वायर मिल के लिए 5,580 TPA है।
पृष्ठभूमि और समयरेखा
- इंकैब इंडस्ट्रीज को 7 अगस्त, 2019 को दिवाला कार्यवाही (insolvency proceedings) में स्वीकार किया गया था।
- लेनदारों की समिति (committee of creditors) ने 23 जून, 2022 को वेदांता की समाधान योजना को मंजूरी दी थी।
- योजना फिर NCLT कोलकाता के अनुमोदन की प्रतीक्षा कर रही थी, जो 3 दिसंबर, 2025 को प्रदान किया गया।
शेयर प्रदर्शन
- वेदांता लिमिटेड के शेयरों में गुरुवार, 4 दिसंबर को 2% तक की बढ़ोतरी हुई, जो 52-सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गया।
- दिन के कारोबार के दौरान यह शेयर ₹540.47 पर कारोबार कर रहा था, जो 1.5% ऊपर था।
- वेदांता शेयरों में 2025 में साल-दर-तारीख (year-to-date) आधार पर 20% से अधिक की वृद्धि देखी गई है।
प्रभाव
- यह अधिग्रहण डाउनस्ट्रीम धातुओं और विनिर्माण क्षेत्रों में वेदांता की बाजार स्थिति को मजबूत करने वाला है।
- वेदांता के शेयरधारक तालमेल और परिचालन पुनरुद्धार से बढ़ी हुई विकास संभावनाओं और लाभप्रदता की क्षमता से लाभान्वित हो सकते हैं।
- इंकैब के विनिर्माण संयंत्रों का पुनरुद्धार उन क्षेत्रों में रोजगार सृजन कर सकता है जहां वे स्थित हैं।
- प्रभाव रेटिंग: 8/10
कठिन शब्दों की व्याख्या
- नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (NCLT): भारत में एक अर्ध-न्यायिक निकाय (quasi-judicial body) जिसकी स्थापना कॉर्पोरेट विवादों और दिवाला कार्यवाही से निपटने के लिए की गई है।
- कॉर्पोरेट दिवाला समाधान प्रक्रिया (CIRP): कॉर्पोरेट संस्थाओं के दिवालियापन या दिवादिवालियापन को हल करने के लिए दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC) के तहत एक प्रक्रिया।
- दिवाला और दिवालियापन संहिता (IBC), 2016: भारत में एक कानून जो कॉर्पोरेट व्यक्तियों, साझेदारी फर्मों और व्यक्तियों के पुनर्गठन और दिवाला समाधान से संबंधित कानूनों को समेकित और संशोधित करता है।
- TPA (टन प्रति वर्ष): प्रति वर्ष उत्पादन क्षमता दर्शाने वाली माप इकाई।
- MCM (मिलियन कोर किलोमीटर): केबल क्षमता के लिए माप इकाई।
- Mt (मीट्रिक टन): वजन मापने की एक मानक इकाई, जो 1,000 किलोग्राम के बराबर है।

