भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स कंपनियाँ चीन की अस्थिर नीतियों, विशेषकर प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को लेकर, निराशा व्यक्त कर रही हैं, जिससे महत्वपूर्ण सहयोग, संयुक्त उद्यम और अधिग्रहण में काफी देरी हो रही है या वे रुक गए हैं। पीजी इलेक्ट्रोप्लास्ट, हिसेन्स ग्रुप और भारती ग्रुप से जुड़े अहम सौदे चीनी सरकार की मंजूरी का इंतजार कर रहे हैं, जो क्षेत्र के विकास और निवेश को प्रभावित कर रहा है।