शीर्ष सैन्य अधिकारी भारत के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को लेकर खतरे की घंटी बजा रहे हैं। 'आत्मनिर्भर भारत' के नारों के बावजूद, निजी फर्मों पर अत्यधिक वादे करने और डिलीवरी में विफल रहने का आरोप है, जबकि HAL जैसी सार्वजनिक क्षेत्र की बड़ी कंपनियां भी महत्वपूर्ण देरी का सामना कर रही हैं। विदेशी घटकों पर निर्भरता बनी हुई है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर चिंताएं पैदा हो रही हैं और महत्वाकांक्षाओं व वास्तविकता के बीच एक गंभीर खाई उजागर हो रही है।