Industrial Goods/Services
|
Updated on 15th November 2025, 12:44 AM
Author
Abhay Singh | Whalesbook News Team
Apple के प्रमुख सप्लायर्स अपनी सप्लाई चेन को चीन से अलग करने के लिए भारत में अपनी विनिर्माण उपस्थिति काफी बढ़ा रहे हैं। TD Connex जैसी कंपनियाँ विस्तार के लिए बड़ी योजनाएँ बना रही हैं, जबकि Yuzhan Technology ने तमिलनाडु सुविधा से डिस्प्ले मॉड्यूल का निर्यात शुरू कर दिया है। यह वृद्धि वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में भारत से iPhone के रिकॉर्ड 10 अरब डॉलर के निर्यात के अनुरूप है, जिसमें Aequs को भी एक वेंडर के तौर पर शामिल किया गया है। यह Apple के वैश्विक उत्पादन के लिए एक बड़े रणनीतिक बदलाव का संकेत देता है।
▶
Apple के प्रमुख वेंडर्स भारत में अपने परिचालन का काफी विस्तार कर रहे हैं, यह iPhone निर्माता की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला (supply chain) को विविध बनाने और चीन पर निर्भरता कम करने की एक रणनीतिक चाल है। इसमें महत्वपूर्ण निवेश, उत्पादन परीक्षण (production trials) और नई भारतीय सुविधाओं से निर्यात का शुभारंभ शामिल है। सिंगापुर स्थित TD Connex, तमिलनाडु प्लांट का विस्तार करने के लिए 200 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना बना रही है, जिसका ध्यान स्मार्टफोन केसिंग के लिए माइक्रो-प्रिसिशन कंपोनेंट्स जैसे सीएनसी (CNC), प्लास्टिक इंजेक्शन और मेटल स्टैम्पिंग पर होगा। फॉक्सकॉन की सहायक कंपनी Yuzhan Technology ने तमिलनाडु में अपनी डिस्प्ले मॉड्यूल असेंबली यूनिट में परिचालन शुरू कर दिया है और कुछ iPhone मॉडलों के लिए इन मॉड्यूलों का निर्यात पहले ही कर रही है। ये विकास ऐसे समय में हो रहे हैं जब Apple ने वित्तीय वर्ष के पहले छह महीनों में भारत से 10 अरब डॉलर के iPhone निर्यात का रिकॉर्ड बनाया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 75% अधिक है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के तरुण पाठक बताते हैं कि अब जब हर पाँच iPhone में से एक भारत में बन रहा है, तो बड़े पैमाने पर विस्तार और विविध आपूर्तिकर्ता आधार, सरकारी नीतियों के समर्थन से, Apple को 2028 से काफी पहले ही अपने 30% स्थानीय सोर्सिंग जनादेश (mandate) को पार करने में मदद करेगा। मैकेनिक्स और डिस्प्ले कंपोनेंट्स में सबसे तेज स्थानीयकरण (localisation) की उम्मीद है, जो घरेलू मूल्यवर्धन (domestic value addition) में महत्वपूर्ण योगदान देगा। भारतीय फर्म Aequs को भी औपचारिक रूप से एक वेंडर के रूप में शामिल किया गया है, जिसने मैकबुक एनक्लोजर और Apple वॉच के लिए मैकेनिकल कंपोनेंट्स का परीक्षण उत्पादन शुरू कर दिया है। Aequs Infra कर्नाटक के हुबली में एक इलेक्ट्रॉनिक्स स्पेशल इकोनॉमिक ज़ोन (SEZ) भी विकसित कर रही है, जिसमें Aequs Ltd पहला टेनेंट होगा। इसी बीच, फॉक्सकॉन अपनी कर्नाटक सुविधा में कर्मचारियों की संख्या बढ़ा रही है, जिसका लक्ष्य इसे दुनिया की सबसे बड़ी सुविधाओं में से एक बनाना है। प्रभाव यह खबर भारत के विनिर्माण क्षेत्र को महत्वपूर्ण बढ़ावा देगी, बड़ी संख्या में नौकरियाँ पैदा करेगी, और अधिक विदेशी प्रत्यक्ष निवेश (FDI) आकर्षित करेगी, तथा भारत की स्थिति को एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण केंद्र के रूप में मजबूत करेगी। यह अपने उत्पादन आधार को विविध बनाकर Apple के लचीलेपन (resilience) को भी मजबूत करेगी।