Healthcare/Biotech
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Updated on 11 Nov 2025, 12:07 pm
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने 22वें सीआईआई वार्षिक स्वास्थ्य शिखर सम्मेलन में कहा कि भारत के लिए मेडिकल टूरिज्म में एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो अन्य देशों में मरीजों की लंबी प्रतीक्षा सूची से उत्पन्न हो रहा है। उन्होंने एक मजबूत स्वास्थ्य सेवा पारिस्थितिकी तंत्र (healthcare ecosystem) की आवश्यकता पर जोर दिया, और बुनियादी ढांचे (infrastructure) और क्षमता निर्माण (capacity building) के लिए ठोस कार्य योजनाओं का आह्वान किया। एक प्रमुख चिंता भारत में नर्सों और देखभाल करने वालों की कमी बताई गई, जिसका लक्ष्य वैश्विक मांग को पूरा करने के लिए प्रति वर्ष नर्सों के उत्पादन में 100,000 की वृद्धि करना है। मंत्री ने स्वास्थ्य सेवा के प्रति मोदी सरकार की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला, जिसमें पिछले एक दशक में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की संख्या सात से बढ़कर 23 हो गई है और मेडिकल कॉलेजों की संख्या लगभग दोगुनी (387 से 706) हो गई है। इसके अलावा, 2029 तक मेडिकल सीटों में काफी वृद्धि करने की योजनाएं चल रही हैं, जिससे डॉक्टरों का उत्पादन बढ़ेगा। गोयल ने वरिष्ठ नागरिकों के लिए सामाजिक सुरक्षा की प्रतिबद्धता को भी दोहराया, यह बताते हुए कि 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिक मुफ्त स्वास्थ्य सेवा के पात्र हैं। अंतरराष्ट्रीय रोगियों को आकर्षित करने के लक्ष्य के साथ, गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि भारत का प्राथमिक ध्यान अपने 1.4 अरब नागरिकों को सुलभ, सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना होना चाहिए। उन्होंने चिकित्सा पर्यटकों के लिए 'वीज़ा ऑन अराइवल' प्रणाली की खोज का भी प्रस्ताव दिया और सुझाव दिया कि जो अस्पताल विदेशी रोगियों से लाभान्वित होते हैं, उन्हें स्थानीय कल्याण में योगदान देना चाहिए, संभवतः आयुष्मान भारत या कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) पहलों के माध्यम से, ताकि जरूरतमंदों को रियायती उपचार प्रदान किया जा सके।