Healthcare/Biotech
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Updated on 10 Nov 2025, 06:42 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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डेनिश फार्मास्युटिकल दिग्गज नोवो नॉर्डिस्क ने आधिकारिक तौर पर पुणे में मुख्यालय वाली एक प्रमुख भारतीय स्वास्थ्य सेवा कंपनी एमक्योर फार्मास्युटिकल्स के साथ हाथ मिलाया है। यह सहयोग नोवो नॉर्डिस्क की बहुप्रतीक्षित इंजेक्टेबल दवा, वेगोवी, को भारतीय बाजार में पेश करने के लिए तैयार है। वेगोवी टाइप 2 मधुमेह के प्रबंधन और पुराने वजन प्रबंधन में अपनी प्रभावशीलता के लिए व्यापक रूप से पहचानी जाती है, जिसमें सेमाग्लूटाइड इसका सक्रिय फार्मास्युटिकल घटक है।
यह रणनीतिक घोषणा अमेरिकी कंपनी एली लिली से जुड़े एक तुलनीय विकास के कुछ समय बाद आई है। एली लिली ने हाल ही में एक अन्य प्रमुख भारतीय दवा कंपनी सिप्ला के साथ भारत में अपनी प्रतिस्पर्धी दवा, टेरज़ेपेटाइड, वितरित करने के लिए एक समझौता किया है। सिप्ला टेरज़ेपेटाइड को योरपीक ब्रांड नाम के तहत विपणन करेगी। यह दवा पेन-लाइक डिवाइस प्रारूप में उपलब्ध होगी, जिसमें छह अलग-अलग सामर्थ्य (strengths) होंगे और भारत में एली लिली के मौनजरो (Mounjaro) की कीमत के बराबर होगी। मौनजरो ने मार्च 2025 में अपने लॉन्च के बाद अक्टूबर तक ₹100 करोड़ का राजस्व अर्जित करके भारतीय बाजार में काफी सफलता हासिल की थी।
प्रभाव: नोवो नॉर्डिस्क और एमक्योर फार्मास्युटिकल्स के बीच इस साझेदारी से भारत के बढ़ते मधुमेह और वजन घटाने वाली दवाओं के खंडों में प्रतिस्पर्धा के काफी बढ़ने की उम्मीद है। यह भारतीय रोगियों के लिए अत्याधुनिक चिकित्सीय विकल्पों तक पहुंच का विस्तार करेगा और दोनों कंपनियों के लिए महत्वपूर्ण राजस्व वृद्धि को बढ़ावा देगा, जिससे तीव्र बाजार प्रतिद्वंद्विता का मंच तैयार होगा।