दिल्ली हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया है कि केवल वही उत्पाद जिन्हें विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के फॉर्मूले का सख्ती से पालन करते हुए बनाया गया है, उन्हें "ORS" के रूप में लेबल किया जा सकता है। यह निर्णय एक बाल रोग विशेषज्ञ के भ्रामक रूप से लेबल किए गए पुनर्जलीकरण समाधानों के खिलाफ एक लंबे अभियान से उपजा है, जिनमें अक्सर चीनी और इलेक्ट्रोलाइट का स्तर गलत होता है, जिससे निर्जलीकरण (dehydration) बढ़ सकता है। अदालत ने डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड की याचिका खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के निर्देश को चुनौती दी थी, और सार्वजनिक स्वास्थ्य, विशेषकर बच्चों की सुरक्षा के लिए सटीक उत्पाद लेबलिंग की आवश्यकता को मजबूत किया।
डॉक्टर की लड़ाई ने 'ORS' लेबलिंग को सटीक बनाया: दिल्ली हाई कोर्ट ने WHO मानकों को अनिवार्य किया
एक बाल रोग विशेषज्ञ के भ्रामक रूप से लेबल किए गए ओरल रीहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) उत्पादों के खिलाफ लगभग आठ साल के संघर्ष का समापन दिल्ली हाई कोर्ट के एक महत्वपूर्ण फैसले से हुआ है। 31 अक्टूबर, 2025 को, अदालत ने भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के उन आदेशों को बरकरार रखा, जिसमें यह अनिवार्य किया गया था कि केवल विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) द्वारा अनुशंसित फॉर्मूले का सख्ती से पालन करने वाले उत्पाद ही "ORS" लेबल का उपयोग कर सकते हैं।
पृष्ठभूमि: बाल रोग विशेषज्ञ, शिवरंजनी संतोष, ने देखा कि बच्चे ORS उपचार के बावजूद खराब हो रहे थे, जिससे उन्हें बाजार उत्पादों की जांच करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने पाया कि कई प्रकार के उत्पाद WHO के सटीक फॉर्मूले - ग्लूकोज, सोडियम क्लोराइड, पोटेशियम क्लोराइड और ट्राइसोडियम साइट्रेट - से विचलित थे, जिनमें अक्सर अत्यधिक चीनी या महत्वपूर्ण इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी होती थी। गलत संरचनाएं निर्जलीकरण को बढ़ा सकती हैं, जिससे गंभीर स्वास्थ्य परिणाम हो सकते हैं, यहाँ तक कि मृत्यु भी।
नियामक यात्रा: संतोष की वकालत के कारण अप्रैल 2022 में FSSAI का एक आदेश आया, जिसने गैर-अनुपालक उत्पादों पर "ORS" के उपयोग को प्रतिबंधित कर दिया। हालांकि, उद्योग की चुनौतियों के बाद FSSAI ने जुलाई 2022 में इस आदेश को अस्थायी रूप से शिथिल कर दिया, जिसमें अस्वीकरण (disclaimers) वाले उत्पादों की अनुमति दी गई थी। 14 अक्टूबर, 2022 को, नियामक फोकस के नवीनीकरण के बाद, आंशिक रूप से दूषित कफ सिरप की घटनाओं के बाद दवा की गुणवत्ता पर चिंताओं से प्रभावित होकर, इस छूट को रद्द कर दिया गया था। FSSAI ने फिर से दोहराया कि जब तक कोई उत्पाद WHO फॉर्मूले को पूरा नहीं करता, उसे ORS के रूप में विपणन (market) नहीं किया जा सकता।
कानूनी चुनौती और परिणाम: डॉ. रेड्डीज लेबोरेटरीज लिमिटेड ने दिल्ली हाई कोर्ट में एक याचिका दायर कर FSSAI निर्देश को चुनौती दी, जिसमें वे अपने उत्पाद Rebalanz VITORS को बेचना चाहते थे। 31 अक्टूबर, 2025 को, जस्टिस सचिन दत्ता ने याचिका खारिज कर दी, और FSSAI आदेशों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया। यह निर्णय इस बात को मान्य करता है कि "ORS" एक चिकित्सा आवश्यकता है जिसे एक विशिष्ट वैज्ञानिक फॉर्मूले द्वारा परिभाषित किया गया है, न कि केवल एक ब्रांड नाम या पेय के लिए एक सामान्य शब्द।
प्रभाव: यह फैसला विशेष रूप से सार्वजनिक स्वास्थ्य से संबंधित फार्मास्युटिकल और खाद्य उत्पादों के लिए सख्त लेबलिंग नियमों को मजबूत करता है। कंपनियों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके उत्पाद WHO-अनुशंसित फॉर्मूलों का सख्ती से पालन करें ताकि वे "ORS" जैसे विशिष्ट स्वास्थ्य दावों या पदनामों का उपयोग कर सकें। इससे गैर-अनुपालक उत्पादों के लिए उत्पाद पुनर्गठन, रीब्रांडिंग प्रयास या बाजार से बाहर निकलने की नौबत आ सकती है। सटीक पुनर्जलीकरण समाधानों के बारे में उपभोक्ता जागरूकता बढ़ने की उम्मीद है।
प्रभाव रेटिंग: 7/10
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