Healthcare/Biotech
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Updated on 06 Nov 2025, 07:59 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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अपोलो हॉस्पिटल्स, राजस्व के हिसाब से भारत की सबसे बड़ी अस्पताल श्रृंखला, भविष्य के विकास के लिए रणनीतिक रूप से खुद को स्थापित कर रही है। ग्रुप चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर कृष्णन अखिलेशवरन ने पुष्टि की है कि अपोलो हेल्थको, वित्तीय वर्ष 2027 की चौथी तिमाही तक स्वतंत्र लिस्टिंग के लिए ट्रैक पर है। यह प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) से पुनर्गठन के लिए मिली नवीनतम मंजूरी के बाद आया है, जिसमें समूह की संस्थाओं – अपोलो हेल्थको, कीमेड, और अपोलो हेल्थटेक – को शेयरधारक मूल्य (shareholder value) को अनलॉक करने और परिचालन तालमेल (operational synergies) को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पुनर्गठित किया जा रहा है। IPO योजनाओं के साथ ही, अपोलो हॉस्पिटल्स एक महत्वपूर्ण क्षमता विस्तार (capacity expansion) भी कर रही है। कंपनी अगले पांच वर्षों में लगभग 3,650 ऑपरेटिंग बेड जोड़ने की योजना बना रही है, जिससे कुल बेडों की संख्या 13,000 से अधिक हो जाएगी। इस विस्तार के लिए 8,300 करोड़ रुपये के निवेश की आवश्यकता है, जिसमें से 5,800 करोड़ रुपये अभी खर्च किए जाने बाकी हैं। नए अस्पताल अगले 18 महीनों में टियर-1 शहरों और मेट्रो शहरों में विकसित किए जाएंगे, जिसमें ग्रीनफिल्ड (नई निर्माण) और ब्राउनफिल्ड (मौजूदा स्थलों का विस्तार) दोनों परियोजनाओं का उपयोग किया जाएगा। ये महत्वाकांक्षी योजनाएँ पूरी तरह से आंतरिक संसाधनों (internal accruals) से वित्तपोषित होंगी। वित्तीय रूप से, कंपनी ने सितंबर तिमाही (Q2 FY25) के लिए मजबूत प्रदर्शन दर्ज किया है, जिसमें समेकित राजस्व (consolidated revenue) 13% साल-दर-साल बढ़कर 6,304 करोड़ रुपये हो गया, EBITDA 15% बढ़कर 941 करोड़ रुपये हो गया, और शुद्ध लाभ 26% बढ़कर 477 करोड़ रुपये हो गया। FY25 के पहले अर्ध (first half) में, राजस्व 14% बढ़कर 12,146 करोड़ रुपये हो गया और शुद्ध लाभ 33% बढ़कर 910 करोड़ रुपये हो गया। वृद्धि स्वास्थ्य सेवाओं (healthcare services), निदान (diagnostics), और अपोलो हेल्थको के तहत डिजिटल/फार्मेसी व्यवसाय में व्यापक (broad-based) रही। प्रभाव: यह खबर निवेशकों के लिए काफी मायने रखती है। अपोलो हेल्थको के नियोजित IPO से काफी मूल्य (value) अनलॉक हो सकता है और भविष्य के उद्यमों (ventures) के लिए नई पूंजी (capital) मिल सकती है। आक्रामक बेड विस्तार (aggressive bed expansion) भारतीय स्वास्थ्य सेवा बाजार में (Indian healthcare market) मजबूत विश्वास का संकेत देता है और अपोलो हॉस्पिटल्स की प्रमुख स्थिति (dominant position) को मजबूत करने का लक्ष्य रखता है, जिससे बाजार हिस्सेदारी (market share) और राजस्व वृद्धि (revenue growth) बढ़ सकती है। कंपनी के मजबूत वित्तीय प्रदर्शन से निवेशकों का विश्वास और बढ़ जाता है।