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31st October 2025, 5:00 AM

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सिप्ला लिमिटेड के वित्तीय वर्ष 2026 की दूसरी तिमाही (Q2FY26) के वित्तीय प्रदर्शन ने निवेशकों के लिए एक मिश्रित तस्वीर पेश की। कंपनी ने ₹7,589 करोड़ का समेकित परिचालन राजस्व घोषित किया, जो पिछले साल की इसी तिमाही के ₹7,051 करोड़ की तुलना में 8% की वृद्धि दर्शाता है। समेकित शुद्ध लाभ में भी 8% की वृद्धि देखी गई, जो Q2FY25 में ₹1,303 करोड़ से बढ़कर ₹1,351 करोड़ हो गया। हालांकि, ब्याज, कर, मूल्यह्रास और परिशोधन से पहले की कमाई (Ebitda) में साल-दर-साल केवल 0.5% की मामूली वृद्धि होकर ₹1,895 करोड़ रही। नतीजतन, Ebitda मार्जिन पिछले वर्ष की समान अवधि के 25% की तुलना में 178 आधार अंकों (basis points) से घटकर 25% रह गए।
खंड-वार, सिप्ला के भारत फॉर्मूलेशन व्यवसाय में 7% की वृद्धि हुई और यह ₹3,146 करोड़ रहा। वन अफ्रीका व्यवसाय ने 5% की वृद्धि दर्ज कर $134 मिलियन का योगदान दिया, और इमर्जिंग मार्केट्स तथा यूरोपीय व्यवसाय में साल-दर-साल 15% की वृद्धि होकर $110 मिलियन रहा। हालांकि, जेनेरिक Revlimid (gRevlimid) के मूल्य क्षरण (price erosion) के कारण अमेरिका के कारोबार में 2% की गिरावट आई।
ब्रोकरेज की प्रतिक्रियाएं विविध थीं। Choice Institutional Equities ने निकट-अवधि के उत्प्रेरकों (catalysts) की कमी और मार्जिन में नरमी का हवाला देते हुए सिप्ला को 'Reduce' रेटिंग तक डाउनग्रेड कर दिया। उन्हें उम्मीद है कि FY26 में Ebitda मार्जिन गिरकर लगभग 23% हो जाएगा, जो H1FY26 में 25-25.5% था, क्योंकि R&D खर्च FY25 में 5.5% से बढ़कर बिक्री का 7% हो जाएगा। Nuvama Institutional Equities ने 'Hold' रेटिंग बनाए रखी, जिसमें GLP-1s (मधुमेह और वजन घटाने की दवाएं) और बायोसिमिलर (biosimilars) में नए लॉन्च से निरंतर राजस्व वृद्धि और क्षमता पर प्रकाश डाला गया, जिन्हें दीर्घकालिक चालक (drivers) के रूप में देखा जा रहा है। उन्होंने नोट किया कि घरेलू व्यवसाय उम्मीद से थोड़ा कम था, लेकिन अफ्रीका और उभरते बाजारों में प्रदर्शन ने अमेरिका में गिरावट की भरपाई की।
प्रभाव: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार पर, विशेष रूप से फार्मास्युटिकल क्षेत्र पर मध्यम प्रभाव पड़ा है। मिश्रित परिणाम और विश्लेषक की डाउनग्रेड सिप्ला के स्टॉक के लिए अल्पकालिक सावधानी पैदा कर सकते हैं, जबकि सकारात्मक दीर्घकालिक विकास चालक रिकवरी की क्षमता का सुझाव देते हैं। R&D खर्च पर ध्यान और जेनेरिक प्रतिस्पर्धा का प्रभाव प्रमुख कारक हैं जिन पर निवेशक नजर रखेंगे।