Healthcare/Biotech
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Updated on 10 Nov 2025, 03:43 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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नेफ्रोकेयर हेल्थ सर्विसेज लिमिटेड, जिसे नेफ्रोप्लस के नाम से जाना जाता है, ने ₹353.4 करोड़ जुटाने के लिए अपने इनिशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) के लिए सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (SEBI) से मंजूरी प्राप्त कर ली है। इस पेशकश में एक ऑफर-फॉर-सेल (OFS) घटक शामिल है, जिसमें बिक्री शेयरधारक 1.27 करोड़ इक्विटी शेयर बेचेंगे। ताजा जारी (fresh issue) से प्राप्त धनराशि का उपयोग बड़े पैमाने पर विस्तार के लिए किया जाएगा, जिसमें ₹129.1 करोड़ देश भर में नए डायलिसिस क्लीनिक स्थापित करने के लिए पूंजीगत व्यय (Capital Expenditure) के लिए आवंटित किए गए हैं। इसके अतिरिक्त, ₹136 करोड़ कंपनी के उधारों के पूर्व-भुगतान (prepayment) या निर्धारित पुनर्भुगतान (scheduled repayment) के लिए उपयोग किए जाएंगे। 16 साल पहले स्थापित, नेफ्रोप्लस ने भारत, फिलीपींस, उज्बेकिस्तान और नेपाल में 500 डायलिसिस केंद्रों का एक मजबूत नेटवर्क बनाया है, जो सालाना 33,000 से अधिक मरीजों की देखभाल करता है। उनकी सेवाओं में हीमोडायलिसिस, होम हीमोडायलिसिस, हीमोडिफिल्ट्रेशन (HDF), हॉलिडे डायलिसिस, और मोबाइल डायलिसिस यूनिट (Dialysis on Call and Wheels) शामिल हैं। 31 मार्च, 2025 तक, कंपनी 5,068 डायलिसिस मशीनों का प्रबंधन कर रही थी और वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 3.30 मिलियन से अधिक उपचार किए थे। **प्रभाव** यह SEBI मंजूरी और नियोजित IPO, नेफ्रोप्लस के लिए एक महत्वपूर्ण सकारात्मक कदम है, जो सार्वजनिक बाजार में भागीदारी और आक्रामक विस्तार के लिए महत्वपूर्ण पूंजी का संकेत देता है। निवेशकों के लिए, यह एक बढ़ते स्वास्थ्य सेवा प्रदाता में निवेश करने का अवसर प्रदान करता है जिसका एक मजबूत परिचालन पदचिह्न है। डायलिसिस केंद्रों का विस्तार वंचित क्षेत्रों में मरीजों के लिए आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच बढ़ा सकता है, जिससे सार्वजनिक स्वास्थ्य को लाभ हो सकता है। नेफ्रोप्लस की सफल लिस्टिंग स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निवेशक विश्वास को भी बढ़ा सकती है, जिससे आगे निवेश और नवाचार को प्रोत्साहन मिलेगा।