Healthcare/Biotech
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Updated on 10 Nov 2025, 03:52 pm
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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GlaxoSmithKline Pharmaceuticals (GSK) ने अपनी Q2FY26 की वित्तीय परिणाम घोषित किए हैं, जिसमें राजस्व में गिरावट आई है। यह गिरावट मुख्य रूप से एक अनुबंध विनिर्माण संगठन (CMO) में आपूर्ति श्रृंखला में व्यवधान के कारण हुई, जिसका अनुमानित प्रभाव INR 400 मिलियन था, और GST दर में कटौती के अस्थायी प्रभाव से राजस्व पर लगभग INR 300 मिलियन का असर पड़ा। इन कारकों को समायोजित करने के बाद, सामान्य दवाओं (general medicines) खंड में 6-7% की वृद्धि देखी गई। राजस्व में सुस्ती के बावजूद, GSK ने कड़े लागत प्रबंधन (stringent cost management) के माध्यम से अपने EBITDA मार्जिन को 80 आधार अंकों (basis points) से बढ़ाकर 32.6% कर लिया। Shingrix के नेतृत्व वाले वैक्सीन पोर्टफोलियो ने मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की। इसके अलावा, GSK ने अगस्त 2025 में ऑन्कोलॉजी दवाओं Jemperli और Zejula के लॉन्च के साथ उच्च-मूल्य वाले स्पेशियलिटी सेगमेंट (specialty segment) में अपना प्रवेश चिह्नित किया। कंपनी का प्रबंधन भविष्य में दोहरे अंकों की वृद्धि प्राप्त करने और वर्तमान मार्जिन स्तरों को बनाए रखने में आत्मविश्वास व्यक्त कर रहा है। यह खबर GlaxoSmithKline Pharmaceuticals के स्टॉक प्रदर्शन पर सीधा प्रभाव डालती है, जिससे मिश्रित परिणामों के आधार पर अल्पावधि में अस्थिरता (volatility) आ सकती है। विश्लेषक का 'HOLD' तक अपग्रेड एक सतर्क लेकिन सकारात्मक दृष्टिकोण का संकेत देता है, जिसका अर्थ है कि जोखिम बने रहने के बावजूद, स्पेशियलिटी सेगमेंट में कंपनी की रणनीतिक चालें और लागत नियंत्रण को सकारात्मक रूप से पहचाना जा रहा है। निवेशक आपूर्ति समस्याओं के समाधान और नई ऑन्कोलॉजी दवाओं की मांग पर नज़र रखेंगे। भारत के व्यापक दवा क्षेत्र में विविध पोर्टफोलियो और मजबूत लागत प्रबंधन वाली कंपनियों पर अधिक ध्यान केंद्रित होने की संभावना है।