Environment
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Updated on 03 Nov 2025, 11:45 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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उत्तर प्रदेश, भारत का सबसे अधिक आबादी वाला राज्य, स्वच्छता से जुड़े एक बड़े पर्यावरणीय और सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट का सामना कर रहा है, भले ही वह स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) के तहत 100% शौचालय कवरेज का जश्न मना रहा हो। कस्बों में सेप्टिक टैंकों और गैर-सीवर वाले शौचालयों से निकलने वाले कचरे के प्रबंधन के लिए कई मल कीचड़ उपचार संयंत्र (FSTPs) और सह-उपचार सुविधाएं (co-treatment facilities) बनाई गई हैं, लेकिन सेंटर फॉर साइंस एंड एनवायरनमेंट (CSE) की हालिया रिपोर्ट कम उपयोग की गंभीर समस्या का संकेत देती है।
रिपोर्ट, जिसका शीर्षक "डिकोडिंग डीस्लजिंग चैलेंजेस इन टाउन्स ऑफ उत्तर प्रदेश" है, के अनुसार, अप्रैल 2025 तक इन महत्वपूर्ण उपचार संयंत्रों में से कम से कम 18 अपनी क्षमता का केवल 20% ही संचालित कर रहे हैं। CSE ने चार कस्बों - रायबरेली, सीतापुर, शिकोहाबाद और गोंडा - का अध्ययन किया, जिसमें पाया गया कि जहां शिकोहाबाद और गोंडा में कचरे का प्रवाह स्थिर है, वहीं रायबरेली और सीतापुर को अपनी उपचार इकाइयों को भरने में कठिनाई हो रही है।
रिपोर्ट इस कम परिचालन क्षमता को संरचनात्मक, भौतिक और व्यवहारिक बाधाओं का एक संयोजन बताती है। ये समस्याएं अक्सर अपशिष्ट नियंत्रण स्तर पर शुरू होती हैं, जैसे खराब निर्मित या रखरखाव वाले सेप्टिक टैंक, जो उन क्षेत्रों में बुनियादी भूमिगत अपशिष्ट जल उपचार प्रणालियाँ हैं जहाँ भूमिगत सीवर की व्यवस्था नहीं है। मल कीचड़ को इन संयंत्रों तक प्रभावी ढंग से एकत्र और परिवहन करने में विफलता का मतलब है कि उन्नत सुविधाएं भी इच्छित रूप से काम नहीं कर रही हैं, जिससे संभावित प्रदूषण और स्वास्थ्य जोखिम पैदा हो रहे हैं।
प्रभाव इस कम उपयोग से सार्वजनिक स्वास्थ्य और पर्यावरण को सीधा खतरा है। अनुपचारित या अपर्याप्त रूप से उपचारित मल कीचड़ जल स्रोतों और मिट्टी को दूषित कर सकता है, जिससे जलजनित रोगों का प्रसार हो सकता है। यह संकट स्वच्छता अवसंरचना परियोजनाओं के कार्यान्वयन और चल रहे प्रबंधन में महत्वपूर्ण अंतरालों को उजागर करता है।
शर्तें (Terms) * मल कीचड़ उपचार संयंत्र (FSTP - Faecal Sludge Treatment Plant): एक सुविधा जिसे गड्ढा शौचालयों (pit latrines) और सेप्टिक टैंकों जैसी ऑन-साइट स्वच्छता प्रणालियों से एकत्र किए गए कचरे का उपचार करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो भूमिगत सीवर नेटवर्क वाले क्षेत्रों में आम हैं। * सह-उपचार सुविधा (Co-treatment Facility): एक सीवेज उपचार संयंत्र जिसे नियमित सीवेज के साथ-साथ मल कीचड़ को भी संसाधित करने के लिए संशोधित या अनुकूलित किया गया है। * सेप्टिक टैंक (Septic Tank): एक भूमिगत, जलरोधक कक्ष जो शौचालयों और अन्य नालियों से घरेलू अपशिष्ट जल प्राप्त करता है। यह कचरे का आंशिक रूप से उपचार करता है और ठोस सामग्री संग्रहीत करता है। * स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) (Swachh Bharat Mission (Urban)): भारतीय सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम जो 2014 में लॉन्च किया गया था ताकि पूरे भारत में शहरी क्षेत्रों में सार्वभौमिक स्वच्छता कवरेज, स्वच्छ सड़कों और बेहतर अपशिष्ट प्रबंधन को प्राप्त किया जा सके।
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