Environment
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29th October 2025, 7:31 AM

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ऑयल चेंज इंटरनेशनल (OCI) के 29 अक्टूबर, 2025 के हालिया विश्लेषण से पता चलता है कि चार ग्लोबल नॉर्थ देश - संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और नॉर्वे - जीवाश्म ईंधन को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के वैश्विक प्रयासों को बाधित करने के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं। 2015 और 2024 के बीच, इन देशों ने तेल और गैस उत्पादन में लगभग 40% की वृद्धि की, जबकि दुनिया के बाकी हिस्सों में 2% की कमी आई। अकेले संयुक्त राज्य अमेरिका ने शुद्ध वैश्विक वृद्धि का 90% से अधिक योगदान दिया, जिसमें लगभग 11 मिलियन बैरल तेल समतुल्य प्रति दिन (boe/d) की वृद्धि हुई। यह विस्तार उनके पेरिस समझौते की प्रतिबद्धताओं का खंडन करता है। OCI का कहना है कि ये देश "pouring fuel on the fire" (आग में घी डाल रहे हैं) कर रही हैं, उन विकासशील देशों के प्रति न्याय का मजाक उड़ा रही हैं जिन्होंने आर्थिक निर्भरता के बावजूद उत्पादन कम किया है। ग्लोबल नॉर्थ सरकारों ने भविष्य में नियोजित 50% से अधिक जीवाश्म ईंधन परियोजनाओं का समर्थन किया है। ऑस्ट्रेलिया में सबसे तेज वृद्धि (77%) देखी गई, और नॉर्वे आर्कटिक ड्रिलिंग लाइसेंस जारी रख रहा है। धनी देशों ने 2015-2024 के दौरान केवल $280 बिलियन का जलवायु वित्त प्रदान किया, जो सालाना $1-5 ट्रिलियन की आवश्यकता से बहुत कम है। OCI की रिपोर्ट के अनुसार, 2015 से जीवाश्म ईंधन उत्पादकों को $465 बिलियन की सार्वजनिक सब्सिडी मिली है। इन सबसिडी को समाप्त करने से जलवायु कार्रवाई के लिए खरबों डॉलर जुटाए जा सकते हैं। 1.5°C वार्मिंग के लिए कार्बन बजट तीन साल के भीतर समाप्त हो सकता है। OCI तत्काल कार्रवाई का आग्रह करती है: नई परियोजनाओं को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करें और ग्लोबल साउथ को न्यायसंगत वित्त प्रदान करें। प्रभाव रेटिंग: 6/10। कठिन शब्द: पेरिस समझौता: वैश्विक वार्मिंग को 1.5°C तक सीमित करने की संधि। जीवाश्म ईंधन: प्राचीन जीवों से बने कोयला, तेल और गैस। ग्लोबल नॉर्थ: विकसित देश (जैसे, अमेरिका, कनाडा)। ग्लोबल साउथ: विकासशील देश (जैसे, अफ्रीका, एशिया)। बैरल तेल समतुल्य (boe/d): विभिन्न ईंधनों से ऊर्जा मापने की इकाई। डीकार्बोनाइजेशन: कार्बन उत्सर्जन को कम करना, स्वच्छ ऊर्जा पर स्विच करना। जलवायु वित्त: जलवायु कार्रवाई के लिए विकसित देशों से विकासशील देशों को सहायता। COP30: प्रमुख संयुक्त राष्ट्र जलवायु शिखर सम्मेलन।