Environment
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Updated on 08 Nov 2025, 07:50 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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बेलेम में COP30 लीडर्स समिट में एकत्रित विश्व नेताओं ने वित्तीय प्रणालियों से जलवायु उद्देश्यों के साथ तालमेल बिठाने का पुरजोर आह्वान किया है, जीवाश्म ईंधन को छोड़ने और जलवायु वित्त प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए एक स्पष्ट मार्ग की मांग की है।
ब्राजील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला डा सिल्वा ने एक सख्त अल्टीमेटम दिया, इस बात पर जोर देते हुए कि ग्रह वर्तमान जीवाश्म ईंधन-निर्भर विकास मॉडल को बनाए नहीं रख सकता। उन्होंने कहा कि नवीकरणीय ऊर्जा (renewables) में प्रगति के बावजूद, 2024 में ऊर्जा क्षेत्र से रिकॉर्ड-उच्च कार्बन उत्सर्जन (carbon emissions) देखा गया, पेरिस समझौते के बाद से जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता मुश्किल से ही कम हुई है। लूला ने विकृत वित्तीय प्रोत्साहनों (perverse financial incentives) की ओर इशारा किया, यह कहते हुए कि बड़े बैंकों ने पिछले साल तेल और गैस परियोजनाओं के लिए सामूहिक रूप से $869 बिलियन का वित्तपोषण किया। यह वैश्विक उत्तर (Global North) की सरकारों द्वारा प्रदान किए गए सीमित अनुदान-आधारित जलवायु वित्त (grant-based climate finance) के बिल्कुल विपरीत है, जिसे संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने "नैतिक विफलता" (moral failure) करार दिया था।
विकासशील देशों ने 2035 तक अनुकूलन (adaptation) के लिए आवश्यक अनुमानित $310-365 बिलियन वार्षिक प्रदान करने के लिए अमीर देशों की आवश्यकता पर जोर दिया। चर्चा किए गए प्रस्तावों में 2030 तक नवीकरणीय क्षमता (renewable capacity) को तीन गुना करना और ऊर्जा दक्षता (energy efficiency) को दोगुना करना, और 2035 तक स्थायी ईंधन (sustainable fuel) के उपयोग को चार गुना करना शामिल है। ऋण-से-जलवायु स्वैप (debt-for-climate swaps) जैसे नवीन वित्तपोषण और ऊर्जा संक्रमण (energy transition) की ओर तेल मुनाफे को आवंटित करने का भी प्रस्ताव दिया गया।
लॉन्च की गई एक प्रमुख पहल 'ट्रॉपिकल फॉरेस्ट्स फॉरएवर फैसिलिटी' (Tropical Forests Forever Facility - TFFF) है, जिसकी शुरुआत $5.5 बिलियन से हुई है, जिसका लक्ष्य वन संरक्षण के लिए पर्याप्त धन जुटाना है, जिसमें 20% स्वदेशी समुदायों (Indigenous communities) के लिए समर्पित है। नॉर्वे, ब्राजील, इंडोनेशिया और फ्रांस से प्रमुख प्रतिज्ञाएँ आईं, जिसमें भारत ने एक पर्यवेक्षक (observer) के रूप में भाग लिया।
प्रभाव: इस शिखर सम्मेलन के परिणाम वैश्विक ऊर्जा और वित्त क्षेत्रों को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करते हैं, जिससे जीवाश्म ईंधन बनाम नवीकरणीय ऊर्जा की ओर निवेश प्रवाह प्रभावित होता है। यह ऊर्जा कंपनियों, वित्तीय संस्थानों और सरकारों के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों को आकार देगा, खासकर ईएसजी (ESG) मानदंडों पर ध्यान केंद्रित करने वाले निवेशकों के लिए। रेटिंग: 8/10।
कठिन शब्दावली: - COP30 लीडर्स समिट: जलवायु परिवर्तन पर कार्रवाई पर चर्चा करने और सहमत होने के लिए नेताओं का एक अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन। - जीवाश्म ईंधन (Fossil Fuels): कोयला, तेल और गैस जैसे ऊर्जा स्रोत जो प्राचीन जैविक पदार्थों से बने होते हैं, जिन्हें जलाने पर ग्रीनहाउस गैसें निकलती हैं। - जलवायु लक्ष्य (Climate Goals): वैश्विक ताप और उसके प्रभावों को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समझौतों द्वारा निर्धारित लक्ष्य। - ऊर्जा संक्रमण (Energy Transition): जीवाश्म ईंधन के उपयोग से नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के उपयोग की ओर बदलाव। - ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन (Greenhouse Gas Emissions): ऐसी गैसें जो पृथ्वी के वायुमंडल में गर्मी को रोकती हैं, जिससे वैश्विक ताप होता है। - नवीकरणीय उत्पादन (Renewable Generation): सौर और पवन ऊर्जा जैसे स्वाभाविक रूप से पुनःपूर्ति स्रोतों से उत्पन्न बिजली। - विकृत वित्तीय प्रोत्साहन (Perverse Financial Incentives): ऐसी वित्तीय नीतियां या सब्सिडी जो टिकाऊ प्रथाओं के बजाय हानिकारक पर्यावरणीय प्रथाओं को प्रोत्साहित करती हैं। - अनुदान-आधारित जलवायु वित्त (Grant-based Climate Finance): विकसित देशों से विकासशील देशों को जलवायु कार्रवाई के लिए वित्तीय सहायता जो चुकाने की आवश्यकता नहीं है। - अनुकूलन (Adaptation): वर्तमान या अपेक्षित भविष्य के जलवायु परिवर्तनों को समायोजित करने के लिए उठाए गए उपाय। - ऋण-से-जलवायु स्वैप (Debt-for-Climate Swaps): वित्तीय समझौते जहां ऋण राहत के बदले जलवायु संरक्षण निवेश दिए जाते हैं। - ट्रॉपिकल फॉरेस्ट्स फॉरएवर फैसिलिटी (TFFF): वन संरक्षण के लिए धन जुटाने के लिए शुरू की गई एक नई वित्तीय प्रणाली। - स्वदेशी समुदाय (Indigenous Communities): किसी क्षेत्र के मूल निवासी, जो अक्सर वन वातावरण से निकटता से जुड़े होते हैं।