Energy
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Updated on 09 Nov 2025, 01:54 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस से भारत के तेल आयात को लक्षित करते हुए नए प्रतिबंध लागू किए हैं। यह एक नीतिगत बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है, क्योंकि अमेरिका ने पहले रूस-यूक्रेन संघर्ष के शुरुआती चरणों के दौरान वैश्विक ऊर्जा कीमतों को स्थिर करने में मदद करने के लिए भारत की रूसी तेल खरीद में वृद्धि का समर्थन किया था। वर्तमान में वैश्विक तेल की कीमतें अपने चरम से काफी कम हैं, इसलिए अमेरिकी प्रशासन संभावित आपूर्ति व्यवधानों और मूल्य वृद्धि के बारे में कम चिंतित लगता है। दृष्टिकोण में यह परिवर्तन अमेरिका और भारत के बीच चल रही व्यापार समझौते की चर्चाओं के साथ मेल खाता है। साक्ष्य बताते हैं कि ये प्रतिबंध प्रभावी हैं। प्रमुख भारतीय तेल रिफाइनर रिलायंस इंडस्ट्रीज ने कथित तौर पर रूसी तेल का आयात बंद करने पर सहमति व्यक्त की है और मध्य पूर्व और अमेरिका जैसे वैकल्पिक बाजारों से अपनी आपूर्ति का स्रोत बनाने की योजना बना रही है। बाजार डेटा से भी पुष्टि होती है, जिसमें ब्रेंट क्रूड और वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) जैसे बेंचमार्क की तुलना में रूसी तेल के लिए छूट बढ़ रही है, जो रूसी कच्चे तेल की मांग में गिरावट का संकेत देता है। इस खबर से भारत के रूस से तेल आयात में कमी आ सकती है, जो ऊर्जा आपूर्ति की गतिशीलता और भारत तथा अमेरिका और रूस के बीच व्यापार संबंधों को प्रभावित कर सकती है। यह भारत और अमेरिका के बीच चल रही व्यापार वार्ता को भी प्रभावित कर सकती है। भारतीय रिफाइनर अपने तेल के लिए वैश्विक बाजार मूल्यों के करीब भुगतान करना शुरू कर सकते हैं।