Energy
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Updated on 11 Nov 2025, 03:31 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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गौतम अडानी, अडानी ग्रुप के माध्यम से, पश्चिमी भारत, विशेष रूप से गुजरात के खावड़ा में एक विशाल बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम का निर्माण करने जा रहे हैं। यह सुविधा, जिसे भारत की सबसे बड़ी और एकल-स्थान भंडारण में वैश्विक नेता के रूप में देखा जा रहा है, समूह की नवीकरणीय ऊर्जा महत्वाकांक्षाओं को बढ़ावा देने का एक रणनीतिक कदम है। परियोजना मार्च 2026 तक पूरी होने वाली है, और समूह का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में कुल भंडारण क्षमता को 50 गीगावाट-घंटे (GWh) तक पहुंचाना है। बैटरी एनर्जी स्टोरेज, सौर और पवन ऊर्जा जैसे नवीकरणीय स्रोतों की रुक-रुक कर होने वाली प्रकृति को प्रबंधित करने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे ग्रिड स्थिरता सुनिश्चित होती है। भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी स्वच्छ ऊर्जा क्षमता को दोगुना करके 500 गीगावाट करना है, जिससे भंडारण प्रौद्योगिकी में प्रगति आवश्यक हो गई है। अडानी ग्रुप इस महत्वपूर्ण उपक्रम के लिए तकनीकी विशेषज्ञता सुरक्षित करने हेतु अंतरराष्ट्रीय फर्मों के साथ चर्चा कर रहा है। प्रभाव: यह परियोजना भारत के ऊर्जा बुनियादी ढांचे में एक बड़ी छलांग और नवीकरणीय क्षेत्र में अडानी ग्रुप के नेतृत्व का प्रतीक है। यह विश्वसनीय ग्रिड समर्थन प्रदान करके हरित ऊर्जा को अपनाने में तेजी ला सकती है, जो संभावित रूप से नवीकरणीय ऊर्जा शेयरों में बाजार की गतिशीलता और निवेशकों के विश्वास को प्रभावित कर सकती है। रेटिंग: 9/10।