Energy
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Updated on 11 Nov 2025, 04:10 pm
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भूटान की एक महत्वपूर्ण यात्रा संपन्न की, जिसमें राजा जिग्मे खेसर नामग्येल वांगचुक के साथ ऊर्जा, कनेक्टिविटी, प्रौद्योगिकी, रक्षा और क्षमता निर्माण जैसे प्रमुख क्षेत्रों में द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई। एक बड़ी उपलब्धि 1020 MW पुनात्संगछू-II जलविद्युत परियोजना का उद्घाटन था, जो मजबूत ऊर्जा सहयोग का प्रतीक है।
कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाने के लिए, नेताओं ने भूटान के गेलेफू और समत्से शहरों को भारत के विस्तृत रेलवे नेटवर्क से जोड़ने पर सहमति व्यक्त की। इस पहल से भूटान के उद्योगों और किसानों को बाजार तक पहुंच में काफी सुधार होने की उम्मीद है, जिससे आर्थिक समृद्धि को बढ़ावा मिलेगा। भारत ने भूटान की विकास यात्रा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो उसकी 'पड़ोसी पहले' की नीति के अनुरूप है। क्षेत्रीय गतिशीलता को देखते हुए यह साझेदारी विशेष रूप से रणनीतिक है।
इसके अतिरिक्त, भारत ने भूटान की महत्वाकांक्षी गेलेफू माइंडफुलनेस सिटी पहल का समर्थन करने की घोषणा की और गेलेफू के पास एक आप्रवासन जांच चौकी (immigration checkpoint) स्थापित करेगा ताकि आगंतुकों व निवेशकों को सुविधा हो। सांस्कृतिक संबंधों को भी मजबूत किया गया जब भारत ने वाराणसी में एक भूटानी मंदिर और अतिथि गृह के लिए भूमि की पेशकश की।
भारत ने वित्तीय सहायता को भी दोहराया, जिसमें सड़क, कृषि, वित्त और स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्रों में भूटान की पंचवर्षीय योजना के लिए पहले घोषित ₹10,000 करोड़ के पैकेज का उपयोग किया जाएगा।
प्रभाव: यह खबर भूटान के ऊर्जा, बुनियादी ढांचा, निर्माण और लॉजिस्टिक्स क्षेत्रों में भारतीय कंपनियों के लिए सहयोग और निवेश के अवसरों में वृद्धि का संकेत देती है। यह क्षेत्रीय व्यापार और आर्थिक एकीकरण को बढ़ाता है। रेटिंग: 7/10।
कठिन शब्द: प्रतिनिधि स्तर की वार्ता (Delegation level talks): दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों और प्रतिनिधियों की बैठकें। पड़ोसी पहले की नीति (Neighbourhood first policy): भारत का विदेश नीति दृष्टिकोण जो अपने तत्काल पड़ोसियों को आर्थिक और रणनीतिक जुड़ाव के लिए प्राथमिकता देता है।