Energy
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Updated on 11 Nov 2025, 09:10 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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DK Sarraf, जिन्होंने पहले पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस नियामक बोर्ड (PNGRB) की अध्यक्षता की थी और प्राकृतिक गैस सुधारों पर विशेषज्ञ समिति का नेतृत्व किया था, ने भारत द्वारा स्वच्छ ईंधनों को अपनाने की तत्काल आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने विशेष रूप से संपीड़ित प्राकृतिक गैस (CNG) को एक महत्वपूर्ण 'ब्रिज फ्यूल' के रूप में पहचाना है जो राष्ट्र को जीवाश्म ईंधनों से इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की ओर प्रभावी ढंग से संक्रमण कर सकता है। Sarraf का मुख्य तर्क यह है कि प्राकृतिक गैस के उपयोग को बढ़ाना भारत के लिए आवश्यक है ताकि वह आगामी वर्षों में राष्ट्रीय ऊर्जा मिश्रण में इस क्षेत्र की हिस्सेदारी को वर्तमान 6% से बढ़ाकर 15% करने के अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके। उन्होंने बताया कि विश्व स्तर पर, प्राकृतिक गैस ऊर्जा टोकरी का लगभग 24-25% है, जो भारत की हिस्सेदारी से काफी अधिक है। उन्होंने आगे बताया कि प्राकृतिक गैस कोयले की तुलना में महत्वपूर्ण पर्यावरणीय लाभ प्रदान करती है और अक्सर पेट्रोल और डीजल जैसे तरल ईंधनों की तुलना में अधिक किफायती होती है। पूर्व PNGRB प्रमुख ने इस बात पर जोर दिया कि CNG की भूमिका तेजी से बढ़ते EV बाजार के लिए पूरक है। जबकि भारत को EV विकास का समर्थन जारी रखना चाहिए, CNG निकट भविष्य में सबसे व्यावहारिक और सुलभ स्वच्छ ऊर्जा विकल्प प्रस्तुत करता है। **प्रमुख सिफारिशें:** Sarraf की समिति ने कई रणनीतिक कदम प्रस्तावित किए हैं: 1. **APM गैस आवंटन बहाल करें:** खपत वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए, CNG खंड के लिए प्रशासित मूल्य निर्धारण तंत्र (APM) गैस के आवंटन को फिर से स्थापित करना महत्वपूर्ण है। 2. **GST समावेशन:** इनपुट टैक्स क्रेडिट से संबंधित लंबे समय से चली आ रही उद्योग की समस्याओं को दूर करने के लिए, प्राकृतिक गैस को वस्तु एवं सेवा कर (GST) ढांचे के तहत राजस्व-तटस्थ आधार पर शामिल करने की सिफारिश की गई है। 3. **उत्पाद शुल्क ढांचा:** रिपोर्ट में राज्यों को मुआवजा देने के लिए एक ढांचे का सुझाव दिया गया है ताकि यदि प्राकृतिक गैस पर उत्पाद शुल्क हटा दिया जाए तो संभावित राजस्व हानियों की भरपाई की जा सके, जिसमें वित्तीय प्रभाव को ध्यान में रखा गया हो।
**प्रभाव** यह खबर प्राकृतिक गैस की खोज, उत्पादन, परिवहन और वितरण में शामिल कंपनियों, साथ ही CNG खुदरा विक्रेताओं को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। प्राकृतिक गैस के बढ़ते उपयोग की ओर नीतिगत बदलाव बुनियादी ढांचे और अन्वेषण में निवेश को बढ़ावा दे सकते हैं। GST और उत्पाद शुल्क पर सरकारी निर्णय सीधे प्राकृतिक गैस और CNG की लागत संरचना और मूल्य निर्धारण को प्रभावित करेंगे, जिससे ऊर्जा क्षेत्र में निवेशक भावना और बाजार मूल्यांकन प्रभावित होंगे। ब्रिज फ्यूल के रूप में CNG को बढ़ावा देना व्यापक ऑटोमोटिव और ऊर्जा संक्रमण परिदृश्य को भी प्रभावित करता है।