Energy
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Updated on 10 Nov 2025, 06:44 am
Reviewed By
Simar Singh | Whalesbook News Team
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दो प्रमुख भारतीय सरकारी रिफाइनरों, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने स्पॉट मार्केट में बोलियों (tenders) के माध्यम से सामूहिक रूप से 50 लाख बैरल कच्चा तेल खरीदा है। यह महत्वपूर्ण अधिग्रहण उनकी ऊर्जा स्रोतों में विविधता लाने और रूसी कच्चे तेल पर निर्भरता कम करने की चल रही रणनीति का हिस्सा है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड ने यू.एस. वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट क्रूड और अबू धाबी के मु بین (Murban) क्रूड में से प्रत्येक के 20 लाख बैरल खरीदे हैं, जो दोनों जनवरी में पहुंचने वाले हैं। वहीं, मैंगलोर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड ने इराक के बसरा मीडियम क्रूड के 10 लाख बैरल सुरक्षित किए हैं, जिनकी डिलीवरी 1 से 7 जनवरी के बीच होगी। इन सौदों के लिए विशिष्ट विक्रेता और मूल्य निर्धारण विवरण का खुलासा नहीं किया गया है। Impact (प्रभाव) यह खबर वैश्विक भू-राजनीतिक बदलावों के बीच भारतीय रिफाइनरों के स्थिर और विविध कच्चे तेल की सोर्सिंग सुनिश्चित करने के सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाती है। इससे गैर-रूसी क्रूड की मांग बढ़ सकती है, जो वैश्विक मूल्य बेंचमार्क और व्यापार मार्गों को प्रभावित कर सकती है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए, यह ऊर्जा सुरक्षा के प्रबंधन और आपूर्ति व्यवधानों से जुड़े जोखिमों को कम करने में मदद करता है, जिसका इन रिफाइनरियों की परिचालन लागत और लाभप्रदता पर सीधा प्रभाव पड़ता है।