Energy
|
Updated on 08 Nov 2025, 04:32 pm
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
▶
ओला इलेक्ट्रिक ने बैटरी सेल मैन्युफैक्चरिंग क्षमता के लिए अपनी योजनाओं में संशोधन किया है। पहले FY26 तक 5 GWh प्लांट की योजना बनाई गई थी, लेकिन अब कंपनी का लक्ष्य मार्च 2026 तक 5.9 GWh और 2027 के उत्तरार्ध तक 20 GWh तक पहुंचना है। इस आक्रामक विस्तार को मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक वाहन और एनर्जी स्टोरेज कंपनी बनने की ओर उसके रणनीतिक बदलाव से बढ़ावा मिल रहा है, जिसे उसके 'ओला शक्ति' बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम (BESS) के लॉन्च से चिह्नित किया गया है। वित्तीय रूप से, FY26 की दूसरी तिमाही (सितंबर 2025 को समाप्त) के लिए, ओला इलेक्ट्रिक ने INR 418 करोड़ का समेकित शुद्ध घाटा (consolidated net loss) दर्ज किया, जो साल-दर-साल 15% की कमी है। इसे लागत नियंत्रण और बेहतर मार्जिन का श्रेय दिया गया है। हालांकि, परिचालन राजस्व साल-दर-साल 43% घटकर INR 690 करोड़ हो गया, जिसका मुख्य कारण वाहन बिक्री और बाजार हिस्सेदारी में कमी रही। ऑटो सेगमेंट, हालांकि, EBITDA सकारात्मक रहा, जिसने INR 2 करोड़ का लाभ और 30.7% का सकल मार्जिन पोस्ट किया। इसमें परिचालन व्यय में कमी और इसके Gen 3 प्लेटफॉर्म के वाहनों से मदद मिली। कंपनी को FY26 के अंत तक ऑटो सेगमेंट के सकल मार्जिन के 40% तक पहुंचने की उम्मीद है। इन परिचालन सुधारों के बावजूद, ओला इलेक्ट्रिक ने दोपहिया EV सेगमेंट में महत्वपूर्ण बाजार हिस्सेदारी खो दी है, और वह बजाज ऑटो, टीवीएस मोटर और एथर एनर्जी (Ather Energy) जैसे प्रतिद्वंद्वियों से पिछड़ गई है। कंपनी इस गिरावट का श्रेय प्रतिस्पर्धियों की आक्रामक डिस्काउंटिंग रणनीतियों को देती है। ओला इलेक्ट्रिक अब अपने लागत ढांचे में सुधार करने और लाभदायक विकास के लिए मार्जिन विस्तार को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जो उसके पिछले 'सब कुछ दांव पर लगाकर विकास' (growth-at-all-costs) दृष्टिकोण से एक बदलाव है। यह फोकस निवेशकों के दबाव और पर्याप्त नकदी जलाने (cash burn) के कारण है, जैसा कि Q2 FY26 के दौरान नकदी भंडार में INR 294 करोड़ की शुद्ध कमी से पता चलता है। कंपनी के शेयरों में भी बड़ी गिरावट आई है, जो IPO मूल्य से 38% से अधिक नीचे कारोबार कर रहे हैं। बिक्री के बाद सेवा (after-sales service) के मुद्दों को संबोधित करते हुए, ओला इलेक्ट्रिक अपने HyperService प्लेटफॉर्म को खोल रही है ताकि वास्तविक स्पेयर पार्ट्स को सीधे उसके ऐप और वेबसाइट के माध्यम से खरीदा जा सके। FY26 के लिए मार्गदर्शन (guidance) कम कर दिया गया है, जिसमें अपेक्षित वाहन डिलीवरी 2.2 लाख यूनिट (3.25-3.75 लाख यूनिट से) तक कम कर दी गई है, और राजस्व मार्गदर्शन को INR 3,000-3,200 करोड़ (INR 4,200-4,700 करोड़ से) तक कम कर दिया गया है। 'ओला शक्ति' BESS पेशकश, जो आवासीय ऊर्जा भंडारण बाजार को लक्षित करती है, ने मजबूत रुचि पैदा की है, जिसमें Q4 FY26 में INR 100 करोड़ और FY27 में INR 1,000-2,000 करोड़ के बीच राजस्व की उम्मीद है, हालांकि डिलीवरी मध्य-जनवरी 2026 से शुरू होगी। डेब मुखर्जी (Deb Mukherji) जैसे विशेषज्ञों ने ओला इलेक्ट्रिक के फोकस में लगातार बदलाव देखे हैं, उन्होंने परिणामों और मूल्य विनाश पर सवाल उठाए हैं, जबकि 'EV + एनर्जी' कॉम्बो की दीर्घकालिक क्षमता को स्वीकार करते हुए अल्पावधि में दर्द की भविष्यवाणी की है। चल रहे निवेशों की आवश्यकता के साथ लाभप्रदता एक दूर का सपना बनी हुई है। Impact यह खबर ओला इलेक्ट्रिक की रणनीतिक दिशा, उसके वित्तीय भविष्य और भारत के EV और उभरते ऊर्जा भंडारण क्षेत्रों के प्रतिस्पर्धी परिदृश्य के लिए महत्वपूर्ण है। इसकी सफलता या विफलता भारतीय EV स्टार्टअप्स और नवीकरणीय ऊर्जा भंडारण समाधानों के प्रति निवेशक भावना को प्रभावित करेगी। रेटिंग: 8/10