Energy
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Updated on 14th November 2025, 6:49 AM
Author
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
अडानी ग्रुप असम में ₹63,000 करोड़ से अधिक का निवेश कर रहा है। अडानी पावर 3,200 मेगावाट का थर्मल प्लांट स्थापित करेगा, और अडानी ग्रीन एनर्जी 2,700 मेगावाट क्षमता के दो पम्प्ड स्टोरेज प्लांट स्थापित करेगी। यह महत्वपूर्ण निवेश पूर्वोत्तर के विकास के लिए चेयरमैन गौतम अडानी की प्रतिबद्धता को पूरा करता है, जिसका उद्देश्य ऊर्जा सुरक्षा, औद्योगिक विकास को बढ़ावा देना और हजारों नौकरियाँ पैदा करना है।
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अडानी ग्रुप असम में ₹63,000 करोड़ के बड़े निवेश की योजना बना रहा है, जिसमें दो प्रमुख परियोजनाएँ शामिल हैं। अडानी पावर लिमिटेड (APL) 3,200 मेगावाट का ग्रीनफील्ड अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल पावर प्लांट बनाने के लिए ₹48,000 करोड़ का निवेश करेगी। यह परियोजना डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन एंड ऑपरेट (DBFOO) मॉडल के तहत संचालित होगी और इसे कोयला लिंकेज मिल गया है। इससे निर्माण के दौरान 20,000-25,000 नौकरियाँ और 3,500 स्थायी नौकरियाँ पैदा होने की उम्मीद है, जिसका कमीशनिंग दिसंबर 2030 से शुरू होगा।
साथ ही, अडानी ग्रीन एनर्जी (AGEL), भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी, 2,700 मेगावाट क्षमता के दो पम्प्ड स्टोरेज प्लांट (PSP) स्थापित करने के लिए ₹15,000 करोड़ का निवेश करेगी। AGEL को इन प्लांट्स से 500 मेगावाट ऊर्जा भंडारण क्षमता का लेटर ऑफ अलॉटमेंट (LoA) पहले ही मिल चुका है। ये पहलें पूर्वोत्तर में ₹50,000 करोड़ के निवेश की गौतम अडानी की प्रतिबद्धता के अनुरूप हैं।
प्रभाव: यह महत्वपूर्ण निवेश असम के ऊर्जा बुनियादी ढांचे को काफी बढ़ावा देगा, औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करेगा, ऊर्जा सुरक्षा बढ़ाएगा और रोजगार के पर्याप्त अवसर पैदा करेगा। यह क्षेत्र के विकास और भारत के समग्र ऊर्जा परिवर्तन के लिए अडानी ग्रुप की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है। रेटिंग: 9/10
कठिन शब्द: * ग्रीनफील्ड (Greenfield): एक परियोजना या विकास जो अविकसित भूमि पर बनाया गया है, जहाँ पहले कोई ढाँचा मौजूद नहीं था। * अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल (Ultra Super Critical): एक अत्यधिक कुशल कोयला-आधारित बिजली संयंत्र का प्रकार जो बहुत उच्च तापमान और दबाव पर काम करता है, जिससे पुरानी तकनीकों की तुलना में ईंधन की खपत कम होती है और उत्सर्जन घटता है। * पम्प्ड स्टोरेज प्लांट (PSP): एक प्रकार का पनबिजली ऊर्जा भंडारण। बिजली की मांग कम होने पर (जब बिजली सस्ती होती है) पानी को निचले जलाशय से ऊपरी जलाशय में पंप किया जाता है और मांग अधिक होने पर (जब बिजली महंगी होती है) बिजली उत्पन्न करने के लिए छोड़ा जाता है। * लेटर ऑफ अलॉटमेंट (LoA): सरकार या नियामक प्राधिकरण द्वारा जारी एक औपचारिक दस्तावेज़ जिसमें कहा गया है कि कंपनी को किसी विशिष्ट परियोजना या क्षमता के अधिकार दिए गए हैं। * डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ओन एंड ऑपरेट (DBFOO): एक परियोजना वितरण मॉडल जहाँ एक निजी इकाई परियोजना के पूरे जीवन चक्र के लिए जिम्मेदार होती है, उसके डिजाइन और निर्माण से लेकर वित्तपोषण, स्वामित्व और संचालन तक। * शाक्ति नीति (SHAKTI Policy): भारत सरकार की एक नीति जो बिजली उत्पादकों को कोयला लिंकेज का पारदर्शी और समान आवंटन सुनिश्चित करती है।