Energy
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30th October 2025, 5:36 AM

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भारत की सबसे बड़ी रिफाइनर, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, अमेरिकी आपूर्तिकर्ताओं से बड़ी मात्रा में कच्चे तेल की खरीद सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय रूप से प्रयास कर रही है। कंपनी ने 24 मिलियन बैरल के लिए एक प्रारंभिक बोली अनुरोध जारी किया है, जिसकी डिलीवरी 2026 की पहली तिमाही, यानी जनवरी से मार्च के बीच होने की उम्मीद है। यह रणनीतिक खरीद पहल हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों की सीधी प्रतिक्रिया है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने रूस के दो शीर्ष तेल उत्पादकों पर नए प्रतिबंध लगाए हैं, जिसके कारण 2022 के यूक्रेन आक्रमण के बाद रूसी कच्चे तेल पर अपनी निर्भरता बढ़ाने वाले कई भारतीय रिफाइनरों ने नए ऑर्डर देना बंद कर दिया है। नतीजतन, ये रिफाइनर अब वैकल्पिक कच्चे तेल के स्रोतों को खोजने के लिए वैश्विक स्पॉट मार्केट की ओर रुख कर रहे हैं। प्रभाव: यह टेंडर ऊर्जा आपूर्ति श्रृंखला को विविध बनाने और भू-राजनीतिक अस्थिरता तथा प्रतिबंधों से जुड़े जोखिमों को कम करने के भारत के प्रयास को दर्शाता है। इससे अमेरिका से आने वाले कच्चे तेल की मांग बढ़ सकती है, जो वैश्विक मूल्य निर्धारण को प्रभावित कर सकती है। इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के लिए, यह कदम ऊर्जा सुरक्षा को बढ़ाता है और एकल आपूर्ति स्रोत पर निर्भरता कम करता है। हालांकि, नए क्षेत्रों से सोर्सिंग में अल्पावधि में लॉजिस्टिक्स लागत बढ़ सकती है या कीमतों में समायोजन हो सकता है। प्रभाव रेटिंग: 7/10।