Energy
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29th October 2025, 6:58 AM

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भारत की सबसे बड़ी रिफाइनर, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, 2025 की शुरुआत में एक प्रमुख वैश्विक तेल व्यापारी, विटोल के साथ एक संयुक्त उद्यम (Joint Venture) बनाने के लिए तैयार है। यह नई इकाई सिंगापुर में आधारित होगी और अनुमानित पांच से सात साल तक संचालित होने की उम्मीद है, जिसमें दोनों भागीदारों के लिए एक निकास खंड (exit clause) होगा। यह साझेदारी इंडियन ऑयल के लिए एक रणनीतिक बदलाव का संकेत देती है, जिससे वह घरेलू रिफाइनिंग से आगे बढ़कर अंतरराष्ट्रीय कच्चे और ईंधन व्यापार में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बन सकेगी, ठीक उसी तरह जैसे एक्सॉन मोबिल और शेल जैसी वैश्विक तेल कंपनियां करती हैं। यह उद्यम इंडियन ऑयल को स्पॉट मार्केट से कच्चे तेल की खरीद लागत को कम करने और नए खरीदारों तक पहुंच बनाकर मार्जिन बढ़ाने में मदद करेगा। विटोल के लिए, यह सौदा भारत में अपनी स्थिति को मजबूत करता है, जो एक प्रमुख तेल उपभोक्ता और विकासशील रिफाइनिंग हब है। भारत का लक्ष्य 2030 तक अपनी रिफाइनिंग क्षमता को काफी बढ़ाना है, जिससे वह खुद को एक वैश्विक रिफाइनिंग केंद्र के रूप में स्थापित कर सके। इंडियन ऑयल ने विटोल को अंतिम रूप देने से पहले बीपी, ट्राफिगुरा और टोटल एनर्जीज जैसी अन्य फर्मों के साथ भी साझेदारी की संभावनाएँ तलाशी थीं। प्रभाव: इस संयुक्त उद्यम से इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन की अंतरराष्ट्रीय व्यापार क्षमताओं में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे वैश्विक ईंधन बाजारों में बेहतर लागत दक्षता, बेहतर मार्जिन और विस्तारित बाजार हिस्सेदारी मिल सकती है। यह भारत में विटोल की उपस्थिति को भी मजबूत करता है, जो देश के वैश्विक रिफाइनिंग हब बनने की महत्वाकांक्षा के अनुरूप है। यह रणनीतिक गठबंधन दुनिया भर में विस्तार करने वाली अन्य भारतीय ऊर्जा कंपनियों के लिए भी मिसाल कायम कर सकता है। रेटिंग: 8/10