Energy
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29th October 2025, 8:04 AM

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बुधवार को सरकारी तेल और गैस कंपनियों के शेयरों में काफी तेजी देखी गई, जिसमें बीएसई पर 5% तक की बढ़त दर्ज की गई, साथ ही इसमें पर्याप्त ट्रेडिंग वॉल्यूम भी देखी गई।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन (IOCL) ने ₹162.15 का 52-सप्ताह का उच्च स्तर छुआ, जो असाधारण रूप से भारी वॉल्यूम के साथ 5% बढ़ा, जो औसत से चार गुना से भी अधिक थी। भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (HPCL) सहित अन्य ऑयल मार्केटिंग कंपनियों (OMCs) में 2% की बढ़त देखी गई। गेल (इंडिया) इंट्रा-डे ट्रेड में 4% बढ़कर ₹186 हो गया।
ऑयल एंड नेचुरल गैस कॉर्पोरेशन (ONGC) ने भी बढ़ी हुई ट्रेडिंग वॉल्यूम पर 2% की बढ़त के साथ चार महीने का उच्च स्तर छुआ। ऑयल इंडिया में भी 2% की बढ़ोतरी हुई।
बीएसई ऑयल एंड गैस इंडेक्स 2.5% ऊपर था, जो व्यापक बीएसई सेंसेक्स को पीछे छोड़ रहा था।
ब्रोकरेज के विचारों ने और समर्थन प्रदान किया। नोमुरा ने नोट किया कि IOCL का Q2FY26 EBITDA, बेहतर रिफाइनिंग प्रदर्शन के कारण, अनुमानों से अधिक रहा और इसने अपने लक्ष्य मूल्य (target price) को प्राप्त किया। मॉर्गन स्टेनली ने मजबूत क्रैक्स (cracks) और सीमित नीतिगत हस्तक्षेप का हवाला देते हुए IOCL पर 'ओवरवेट' (Overweight) रेटिंग बनाए रखी। हालांकि, जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल सिक्योरिटीज ने मूल्यांकन (valuation) संबंधी चिंताओं के कारण 'रिड्यूस' (Reduce) रेटिंग बनाए रखी, IOCL के रिफाइनिंग विस्तार से मजबूत आय वृद्धि की उम्मीद के बावजूद।
विश्लेषकों ने आगाह किया है कि ओएमसी (OMCs) के एकीकृत रिफाइनिंग और मार्केटिंग मार्जिन सामान्य हो सकते हैं, क्योंकि सरकारें कच्चे तेल की कीमतों में बदलाव को दर्शाने के लिए उत्पाद शुल्क (excise duties) या ईंधन की कीमतों को समायोजित कर सकती हैं।
जेएम फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज ने ONGC पर 'खरीद' (BUY) रेटिंग दोहराई, फील्ड विकास और कच्चे तेल की मूल्य मान्यताओं के आधार पर आय वृद्धि का अनुमान लगाया, हालांकि उन्होंने ONGC की पिछली निष्पादन चुनौतियों पर प्रकाश डाला।
प्रभाव इस खबर का भारतीय तेल और गैस क्षेत्र पर सकारात्मक प्रभाव पड़ा है, जो बेहतर लाभप्रदता, परिचालन दक्षता और अनुकूल बाजार स्थितियों को दर्शाता है। ब्रोकरेज की सिफारिशें निरंतर निवेशक रुचि का सुझाव देती हैं, हालांकि कुछ मूल्यांकन संबंधी चिंताएं मौजूद हैं। क्षेत्र का प्रदर्शन व्यापक आर्थिक और भू-राजनीतिक कारकों से भी जुड़ा है जो कच्चे तेल की कीमतों को प्रभावित करते हैं।