Energy
|
28th October 2025, 10:42 AM

▶
हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) ने नवंबर की शुरुआत में डिलीवरी के लिए दो निविदाएं जारी कर परिवहन ईंधन (transport fuels) का आयात करने की प्रक्रिया शुरू की है। यह कदम उनकी मुंबई रिफाइनरी में एक परिचालन व्यवधान के बाद उठाया गया है, जिसके कारण गैसोलीन-उत्पादक कंटीन्यूअस कैटेलिटिक रिफॉर्मर यूनिट को बंद करना पड़ा। समस्या संदूषित कच्चे तेल (contaminated crude oil feedstock) की सोर्सिंग से उत्पन्न हुई थी, जिसमें असामान्य रूप से उच्च नमक और क्लोराइड सामग्री पाई गई थी। HPCL के बयान के अनुसार, इस संदूषण ने डाउनस्ट्रीम रिफाइनरी इकाइयों में जंग (corrosion) पैदा की, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन (outputs) कम हुआ और उत्पादन में गिरावट आई।
इस कमी को पूरा करने के लिए, HPCL लगभग 34,000 टन गैसोलीन और 65,000 टन गैसोइल की मांग कर रहा है, जिनकी डिलीवरी 1 से 10 नवंबर के बीच मुंद्रा बंदरगाह पर होनी है। निविदाएं मंगलवार को बंद होनी थीं। HOECL नामक एक इकाई, जिससे कथित तौर पर कच्चा तेल लिया गया था, ने HPCL के साथ इस मामले पर समाधान के संबंध में चर्चा करने के अपने इरादे का संकेत दिया है।
प्रभाव (Impact): यह स्थिति आपातकालीन आयात (emergency imports) और संभावित उपचारात्मक खर्चों (remediation expenses) के कारण HPCL के लिए परिचालन लागत (operational costs) बढ़ा सकती है। यह संभावित आपूर्ति श्रृंखला कमजोरियों (supply chain vulnerabilities) को उजागर करता है और अल्पावधि में कंपनी के वित्तीय परिणामों और स्टॉक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकता है। आयात की आवश्यकता घरेलू शोधन क्षमता (domestic refining capacity) और ईंधन उपलब्धता (fuel availability) के बारे में भी चिंताएं बढ़ाती है। रेटिंग: 7/10