Energy
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1st November 2025, 1:14 PM
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कोल इंडिया लिमिटेड (CIL), एक प्रमुख सरकारी कोयला उत्पादक कंपनी, ने अक्टूबर माह के लिए अपने परिचालन प्रदर्शन में एक महत्वपूर्ण गिरावट दर्ज की है। पिछले वर्ष की तुलना में उत्पादन 9.8% घटकर 56.4 मिलियन टन तक पहुँच गया। इसी प्रकार, कोयला की निकासी, जो बिक्री और प्रेषण को दर्शाता है, उसी महीने में 5.9% घटकर 58.3 मिलियन टन हो गई। ये आँकड़े एक व्यापक मंदी को दर्शाते हैं, क्योंकि अप्रैल से अक्टूबर तक वित्तीय वर्ष के लिए संचयी उत्पादन 4.5% घटकर 385.3 मिलियन टन हो गया है, और कुल निकासी 2.4% घटकर 415.3 मिलियन टन हो गई है। कंपनी इन गिरावटों का श्रेय धीमी मांग और मानसून के बाद की अवधि में आई परिचालन चुनौतियों को दे रही है। इस बीच, CIL ने नेतृत्व परिवर्तन की घोषणा की है, जिसमें पी एम प्रसाद की सेवानिवृत्ति के बाद, 1 नवंबर से मनोज कुमार झा अंतरिम चेयरमैन-सह-प्रबंध निदेशक का पदभार ग्रहण करेंगे। यह नियुक्ति कंपनी के स्थापना दिवस के साथ मेल खाती है। प्रभाव: इस खबर से कोल इंडिया लिमिटेड के वित्तीय प्रदर्शन पर असर पड़ने की संभावना है, जिससे कम बिक्री मात्रा के कारण इसके राजस्व और लाभप्रदता पर असर पड़ सकता है। निवेशक उत्पादन और निकासी में आई इस गिरावट पर नकारात्मक प्रतिक्रिया दे सकते हैं, जिससे इसके शेयर की कीमत में कमी आ सकती है। कोयले की कम उपलब्धता बिजली उत्पादन कंपनियों और अन्य औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए इनपुट लागत को भी प्रभावित कर सकती है, हालांकि वर्तमान में समग्र मांग धीमी है।