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भारत की बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतें शिपिंग की मांग बढ़ा रही हैं, समुद्री क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा

Energy

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2nd November 2025, 2:26 PM

भारत की बढ़ती ऊर्जा ज़रूरतें शिपिंग की मांग बढ़ा रही हैं, समुद्री क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा

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Stocks Mentioned :

Indian Oil Corporation Limited
Bharat Petroleum Corporation Limited

Short Description :

भारत की दैनिक कच्ची तेल खपत तेजी से बढ़ रही है, लगभग 6 मिलियन बैरल प्रति दिन के करीब पहुंच रही है, जिससे महत्वपूर्ण ऊर्जा उत्पादों के परिवहन के लिए जहाजों की आवश्यकता बढ़ रही है। आयात में यह उछाल, जो भारत के व्यापार का एक बड़ा हिस्सा है, महत्वपूर्ण माल ढुलाई लागत की ओर ले जाता है। मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि भारतीय PSUs ने पांच वर्षों में जहाजों को चार्टर करने पर लगभग 8 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं, जो एक घरेलू बेड़े के लिए धन जुटा सकता था, जिससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा में शिपिंग की महत्वपूर्ण भूमिका रेखांकित होती है।

Detailed Coverage :

पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मुंबई में 'भारत के समुद्री विनिर्माण सम्मेलन को पुनर्जीवित करने' (Revitalizing India’s Maritime Manufacturing Conference) में कहा कि भारत की आर्थिक प्रगति और उसके ऊर्जा व शिपिंग क्षेत्रों के बीच गहरा संबंध है। उन्होंने कहा कि भारत की कच्ची तेल की खपत लगभग 5.6 मिलियन बैरल प्रतिदिन हो गई है और जल्द ही 6 मिलियन बैरल प्रतिदिन तक पहुंचने का अनुमान है। यह बढ़ती मांग वैश्विक स्तर पर तेल, गैस और अन्य ऊर्जा वस्तुओं के परिवहन के लिए अधिक जहाजों की आवश्यकता पैदा करती है। वित्त वर्ष 2024-25 में, भारत ने लगभग 300 मिलियन टन कच्चे और पेट्रोलियम उत्पादों का आयात किया। अकेले तेल और गैस क्षेत्र कुल व्यापार के लगभग 28 प्रतिशत हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है, जिससे यह बंदरगाहों द्वारा संभाला जाने वाला सबसे बड़ा वस्तु बन गया है। मंत्री पुरी ने कहा कि भारत अपनी लगभग 88 प्रतिशत कच्ची तेल और 51 प्रतिशत गैस की जरूरतों को आयात से पूरा करता है, जो राष्ट्रीय ऊर्जा सुरक्षा में शिपिंग उद्योग की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर करता है। उन्होंने आगे बताया कि फ्रेट लागत आयात बिल का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रति बैरल लगभग $5 और मध्य पूर्व से $1.2 का खर्च आता है। पिछले पांच वर्षों में, इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड जैसी भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र की उपक्रमों (PSUs) ने मिलकर जहाजों को चार्टर करने पर लगभग 8 बिलियन डॉलर खर्च किए हैं, जो एक नया भारतीय-स्वामित्व वाला टैंकर बेड़ा बनाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता था।

प्रभाव: इस खबर के भारत की ऊर्जा सुरक्षा और समुद्री उद्योग पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ने वाले हैं। आयातित ऊर्जा उत्पादों की बढ़ती मांग सीधे तौर पर शिपिंग सेवाओं की मांग को बढ़ाती है, जिससे लॉजिस्टिक्स, पोर्ट संचालन और समुद्री विनिर्माण में शामिल कंपनियों को लाभ होता है। भारतीय PSU द्वारा जहाजों को चार्टर करने पर किया गया भारी खर्च, चाहे नए निर्माण हों या अधिग्रहण, घरेलू बेड़े की क्षमताओं का विस्तार करने के लिए एक संभावित भविष्य का बाजार सुझाता है, जो भारतीय शिपयार्ड और संबंधित उद्योगों को बढ़ावा दे सकता है। फ्रेट लागत पर ध्यान आयात व्यय को कुशलतापूर्वक प्रबंधित करने के चल रहे प्रयासों को भी दर्शाता है। ऊर्जा की खपत और शिपिंग आवश्यकताओं के बीच सीधा संबंध इन परस्पर जुड़े क्षेत्रों के लिए एक स्पष्ट विकास पथ प्रस्तुत करता है।