भारत 2030 तक ग्रीन हाइड्रोजन का दुनिया का सबसे सस्ता उत्पादक बनने का आक्रामक लक्ष्य बना रहा है, जिसका उद्देश्य लागत को घटाकर 1 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोग्राम करना है। यह महत्वाकांक्षी लक्ष्य, सरकारी मिशनों और नवीकरणीय ऊर्जा की गिरती कीमतों से प्रेरित है, और यह इस्पात (steel) और उर्वरक (fertilizers) जैसे प्रमुख उद्योगों को बदलने, खरबों (trillions) के निवेश को आकर्षित करने और लाखों नौकरियां पैदा करने के लिए तैयार है, जिससे भारत एक वैश्विक ऊर्जा महाशक्ति के रूप में स्थापित होगा।