भारत का नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र एक बड़े संकट का सामना कर रहा है। केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने एनटीपीसी और एनएचपीसी जैसी प्रमुख कंपनियों को अनुबंध रद्द करने का निर्देश दिया है। डिस्कॉम टैरिफ संबंधी चिंताओं के कारण महत्वपूर्ण बिजली खरीद समझौतों (पीपीए) में देरी कर रहे हैं, जिससे महत्वपूर्ण अनिश्चितता पैदा हो रही है और भविष्य के हरित ऊर्जा निवेश रुक सकते हैं। यह स्थिति अनुबंध की पवित्रता और निवेशकों के भरोसे पर गंभीर सवाल उठा रही है।