अक्टूबर में लगातार दूसरे महीने भारत का कोयला उत्पादन और प्रेषण (despatch) कम हुआ, जिसका मुख्य कारण बिजली क्षेत्र से मांग में कमी और समग्र बिजली की खपत में गिरावट थी। कोयला उत्पादन 8.5% साल-दर-साल (year-on-year) घटकर 77.43 मिलियन टन हो गया, और प्रेषण में भी लगभग 5% की गिरावट आकर यह 80.44 मिलियन टन रहा। इससे कोयले के लिए रेलवे रैकों की लोडिंग भी प्रभावित हुई और बिजली एक्सचेंजों पर कीमतों में काफी गिरावट आई। अल्पकालिक बाधाओं के बावजूद, घरेलू कोयला उत्पादन भविष्य की मांग को पूरा करने के लिए सालाना बढ़ने का अनुमान है।