विदेशी निवेशकों ने वैश्विक चिंताओं के बीच नवंबर में भारतीय इक्विटी में बिकवाली फिर शुरू की
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विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPIs) ने भारतीय इक्विटी में अपनी बिकवाली की रफ्तार फिर से शुरू कर दी है, नवंबर के पहले सप्ताह में शुद्ध ₹12,569 करोड़ की निकासी की है। यह अक्टूबर में ₹14,610 करोड़ के प्रवाह के साथ एक संक्षिप्त विराम के बाद हुआ है, जिसने सितंबर में ₹23,885 करोड़, अगस्त में ₹34,990 करोड़ और जुलाई में ₹17,700 करोड़ की लगातार महीनों की बिकवाली को समाप्त कर दिया था। यह पुन: बिकवाली की प्रवृत्ति, जो इस महीने हर ट्रेडिंग दिन पर हुई है, कमजोर वैश्विक संकेतों और बाजारों में जोखिम-मुक्त (risk-off) भावना के कारण है। विशेषज्ञों का कहना है कि FPI रणनीति को प्रभावित करने वाला एक प्रमुख कारक अमेरिका, चीन, दक्षिण कोरिया और ताइवान जैसे बाजारों की तुलना में भारत को "AI-अंडरपरफॉर्मर" मानना है, जिन्हें AI-संचालित रैली का लाभार्थी माना जाता है। हालांकि, एक राय यह भी है कि AI-संबंधित मूल्यांकन अब खिंचे हुए हैं, और वैश्विक तकनीकी शेयरों में बुलबुले का जोखिम भारत में निरंतर बिकवाली को सीमित कर सकता है। यदि यह अहसास बढ़ता है और भारत की कमाई में वृद्धि मजबूत बनी रहती है, तो FPIs फिर से खरीदार बन सकते हैं। इंडिया इंक. के Q2 FY26 के नतीजे उम्मीद से थोड़े बेहतर रहे हैं, खासकर मिडकैप सेगमेंट में, लेकिन वैश्विक चुनौतियां (global headwinds) विदेशी निवेशकों को अल्पावधि में जोखिम भरी संपत्तियों के प्रति सतर्क रखेंगी। प्रभाव: FPI बिकवाली सीधे बाजार की तरलता और भावना को प्रभावित करती है, जिससे अक्सर मूल्य सुधार होता है और घरेलू कंपनियों के लिए पूंजी जुटाना कठिन हो जाता है। लगातार बहिर्वाह भारतीय इक्विटी को वैश्विक साथियों से पिछड़ने का कारण भी बन सकता है। भारतीय शेयर बाजार पर इसका महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है, जिसका अनुमान 8/10 है। कठिन शब्द: **विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs)**: वे विदेशी निवेशक जो कंपनियों पर नियंत्रण किए बिना भारतीय वित्तीय संपत्तियों जैसे स्टॉक और बॉन्ड खरीदते हैं। **AI**: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ऐसी तकनीक जो मशीनों को मानव-जैसी बुद्धिमान कार्यों को करने में सक्षम बनाती है। **जोखिम-मुक्त भावना (Risk-off sentiment)**: एक बाजार मिजाज जहां निवेशक अनिश्चितता के कारण जोखिम भरी संपत्तियों (स्टॉक) से सुरक्षित संपत्तियों (बॉन्ड) की ओर रुख करते हैं। **AI-संचालित रैली**: एक शेयर बाजार में उछाल जो मुख्य रूप से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रौद्योगिकियों में उत्साह और निवेश से प्रेरित होता है। **अंडरपरफॉर्मेंस**: जब कोई निवेश या बाजार अपने बेंचमार्क या अन्य समान बाजारों से खराब प्रदर्शन करता है। **Q2 FY26 परिणाम**: भारतीय वित्तीय वर्ष 2025-2026 की दूसरी तिमाही के लिए वित्तीय प्रदर्शन रिपोर्ट। **मिडकैप सेगमेंट**: वे कंपनियां जिनका बाजार पूंजीकरण लार्ज-कैप और स्मॉल-कैप फर्मों के बीच होता है। **वैश्विक सिरदर्द (Global headwinds)**: बाहरी नकारात्मक कारक जो आर्थिक या बाजार की प्रगति में बाधा डालते हैं। **वैकल्पिक प्रतिधारण मार्ग (VRR)**: FPIs के लिए भारतीय ऋण बाजारों में निवेश करने का एक विशेष चैनल, जिसमें न्यूनतम होल्डिंग अवधि की आवश्यकता होती है।