Economy
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Updated on 06 Nov 2025, 11:13 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्तमान आर्थिक परिदृश्य को संबोधित करते हुए कहा कि वैश्विक मूल्य श्रृंखला एक 'विघटनकारी चरण' से गुजर रही है जिसमें वैश्विक बाधाएं बढ़ रही हैं, जिससे बाहरी वातावरण अधिक चुनौतीपूर्ण हो गया है। उन्होंने दोहराया कि सरकार का प्राथमिक ध्यान बुनियादी ढांचे के निर्माण पर है, और वर्षों से पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) में हुई महत्वपूर्ण वृद्धि को आर्थिक गति के प्रमुख चालक के रूप में उद्धृत किया। सीतारमण ने व्यापार करने में आसानी में सुधार के उद्देश्य से 2014 के बाद से किए गए सरकारी सुधारों पर प्रकाश डाला, और नीतिगत निरंतरता और पारदर्शिता को निवेश का श्रेय दिया। उन्होंने यह भी बताया कि प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) के माध्यम से ₹4 ट्रिलियन से अधिक की बचत हुई है और पिछले दशक में लगभग 250 मिलियन लोगों को बहुआयामी गरीबी से बाहर निकाला गया है। मंत्री ने प्रौद्योगिकी-आधारित विकास पर जोर दिया, ₹300/GB से ₹10/GB तक डेटा लागत में भारी कमी का उल्लेख करते हुए, जिसने व्यापक डिजिटल पहुंच और नवाचार को सक्षम बनाया है। बैंकिंग क्षेत्र पर, उन्होंने बड़ी, विश्व स्तरीय बैंकों की आवश्यकता पर जोर दिया और उत्पादक क्षेत्रों में ऋण प्रवाह बढ़ाने का आग्रह किया ताकि विकास को बढ़ावा मिल सके। इसके अतिरिक्त, सीतारमण ने कहा कि माल और सेवा कर (जीएसटी) दर में कटौती से मांग और निवेश को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, जिससे 'सद्गुणी निवेश चक्र' शुरू होगा और विकास में तेजी आएगी।