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राज्यों ने योजना से कम उधार लिया: आपके निवेशों के लिए इसका क्या मतलब है!

Economy

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Updated on 11 Nov 2025, 02:20 pm

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Reviewed By

Simar Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

नौ भारतीय राज्यों ने बॉन्ड नीलामी से कुल 15,560 करोड़ रुपये जुटाए, जो 16,560 करोड़ रुपये की अधिसूचित राशि से कम है। तमिलनाडु ने अपनी 15-वर्षीय बॉन्ड के लिए कोई बोली स्वीकार नहीं की, और महाराष्ट्र ने पहले बोलियां अस्वीकार कर दी थीं। यह उधार तिमाही उधार कैलेंडर में अनुमानित राशि से काफी कम है, जबकि राज्यों ने Q3FY26 में 2.82 ट्रिलियन रुपये जुटाने की योजना बनाई है।
राज्यों ने योजना से कम उधार लिया: आपके निवेशों के लिए इसका क्या मतलब है!

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Detailed Coverage:

मंगलवार को, नौ भारतीय राज्यों ने साप्ताहिक बॉन्ड नीलामी (bond auctions) के माध्यम से 15,560 करोड़ रुपये जुटाए। यह राशि उन 16,560 करोड़ रुपये से कम है जिन्हें राज्यों ने शुरू में उधार लेने की योजना बनाई थी, जो एक कमी को दर्शाता है। उल्लेखनीय है कि तमिलनाडु ने अपनी 15-वर्षीय बॉन्ड नीलामी के लिए कोई भी बोली स्वीकार नहीं की। यह पिछले सप्ताह महाराष्ट्र द्वारा की गई इसी तरह की कार्रवाई के बाद हुआ है, जिसने अपने 2050 और 2055 के बॉन्ड के लिए सभी बोलियों को अस्वीकार कर दिया था। इस नीलामी में राज्यों द्वारा कुल उधार ली गई राशि, अवधि के लिए समग्र उधार कैलेंडर (borrowing calendar) में इंगित 25,960 करोड़ रुपये की तुलना में काफी कम है।

वित्तीय वर्ष 2026 की तीसरी तिमाही (Q3FY26) को देखते हुए, राज्यों ने बाज़ार से उधारी (market borrowings) के माध्यम से एक बड़ी 2.82 ट्रिलियन रुपये जुटाने की योजनाएँ बताई हैं। इसमें से, उन्होंने अब तक 84,170 करोड़ रुपये जुटाए हैं। FY26 की दूसरी तिमाही में, राज्यों ने शुरू में एक निश्चित राशि की उधारी का संकेत दिया था, जिसकी अब वर्तमान उम्मीद से कम नीलामी परिणामों के साथ तुलना की जा रही है।

प्रभाव (Impact): यह विकास राज्य सरकार के खर्च में संभावित मंदी या ऋण जारी करने के प्रति अधिक सतर्क दृष्टिकोण का सुझाव देता है। राज्यों द्वारा कम उधार लेना समग्र बाजार तरलता (market liquidity) को प्रभावित कर सकता है और संभावित रूप से बॉन्ड यील्ड (bond yields) और ब्याज दरों को प्रभावित कर सकता है। यदि राज्य कम उधार लेते हैं, तो यह सरकारी ऋण की आपूर्ति को कम कर सकता है, जो सैद्धांतिक रूप से बॉन्ड की कीमतों पर ऊपर की ओर और यील्ड पर नीचे की ओर दबाव डाल सकता है, या सख्त राजकोषीय स्थितियों (fiscal conditions) का संकेत दे सकता है। हालांकि, इसे राजकोषीय विवेक (fiscal prudence) के रूप में भी व्याख्यायित किया जा सकता है। बाजार प्रभाव को 5/10 रेट किया गया है क्योंकि यह तरलता और भविष्य की ब्याज दर अपेक्षाओं को प्रभावित करता है।

कठिन शब्दावली (Difficult Terms): बॉन्ड नीलामी (Bond auction): एक प्रक्रिया जहां सरकारें या निगम निवेशकों को बॉन्ड बेचते हैं, जिसमें बोलियाँ मूल्य और यील्ड निर्धारित करती हैं। अधिसूचित राशि (Notified amount): बॉन्ड का कुल मूल्य जो जारीकर्ता नीलामी में बेचना चाहता है। बाज़ार से उधारी (Market borrowings): सरकारों या कंपनियों द्वारा जनता या संस्थानों को बॉन्ड या ट्रेजरी बिल जैसे ऋण साधनों को जारी करके जुटाई गई धनराशि। उधार कैलेंडर (Borrowing calendar): सरकारों या केंद्रीय बैंकों द्वारा प्रकाशित एक अनुसूची, जो एक विशिष्ट अवधि में उनकी नियोजित ऋण जारी करने की रूपरेखा बताती है।


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