Economy
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Updated on 11 Nov 2025, 05:49 am
Reviewed By
Satyam Jha | Whalesbook News Team
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मास्टरकार्ड में भारत और दक्षिण एशिया के प्रेसिडेंट, गौतम अग्रवाल, ने भारत के डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे, विशेष रूप से यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) के बारे में चिंता जताई है, जो लगभग 85% डिजिटल लेनदेन को संभालता है। अग्रवाल ने चेतावनी दी कि एक ही भुगतान प्रणाली पर निर्भरता लंबी अवधि की स्थिरता से समझौता करती है और पूरे वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रणालीगत (systemic) जोखिम पैदा करती है। उन्होंने बताया कि UPI के साथ जुड़ने के कारण RuPay क्रेडिट कार्ड लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं, लेकिन एक ही सिस्टम पर लेनदेन का यह केंद्रीकरण इसे महत्वपूर्ण जोखिम में डालता है। अग्रवाल ने कहा कि कोई भी देश आदर्श रूप से डिजिटल भुगतानों के इतने बड़े हिस्से को एक ही चैनल से प्रवाहित होते नहीं देखना चाहेगा। उन्होंने सुझाव दिया कि या तो एक समानांतर भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र (parallel payment ecosystem) उभरना चाहिए, या UPI की स्वीकृति को मास्टरकार्ड और वीज़ा जैसे अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों के लिए कुछ रूप में विस्तारित किया जाना चाहिए। यह भारतीय रिजर्व बैंक की पहले की, हालांकि अब छोड़ी गई, न्यू अम्ब्रेला एंटिटी (NUE) पहल के अनुरूप है, जिसका उद्देश्य एक समानांतर डिजिटल भुगतान प्रणाली बनाना था। भले ही वीज़ा और मास्टरकार्ड को UPI से अपने कार्ड लिंक करने की अनुमति मिल जाए, अग्रवाल का मानना है कि यदि वे समान अंतर्निहित बुनियादी ढांचे का उपयोग करते हैं तो मूल जोखिम बना रहता है। उन्होंने डेटा संप्रभुता (data sovereignty) का भी उल्लेख किया, इस बात पर जोर देते हुए कि NUE द्वारा लक्षित मजबूत गार्डरेल्स (robust guardrails) आवश्यक हैं। हालांकि, उन्होंने भारत के नियामक दृष्टिकोण में विश्वास व्यक्त किया, यह सुझाव देते हुए कि यह डेटा संप्रभुता और अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ियों को सह-अस्तित्व में रहने की अनुमति देने के बीच संतुलन खोजेगा, जो अन्य बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के लिए एक मॉडल के रूप में काम करेगा।
Impact यह समाचार भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों को भुगतान प्रसंस्करण (payment processing), फिनटेक (fintech), और बैंकिंग (banking) में शामिल कंपनियों को प्रभावित करके डिजिटल भुगतान बुनियादी ढांचे में संभावित कमजोरियों को उजागर करके प्रभावित कर सकता है। यह भुगतान क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ने और संभावित नीतिगत बदलावों का भी संकेत देता है। Rating: 6/10.
Difficult Terms: Systemic risks (प्रणालीगत जोखिम): जोखिम जो एक या एक से अधिक वित्तीय संस्थानों या बाजार क्षेत्रों की संभावित विफलता से उत्पन्न होते हैं, जो फिर पूरे वित्तीय प्रणाली में विफलताओं की एक श्रृंखला को ट्रिगर कर सकते हैं। Unified Payments Interface (UPI) (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस): नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित एक रियल-टाइम भुगतान प्रणाली जो उपयोगकर्ताओं को तत्काल बैंक खाता हस्तांतरण की अनुमति देती है। RuPay (रुपे): भारत का अपना कार्ड नेटवर्क, NPCI द्वारा विकसित, जिसे वीज़ा और मास्टरकार्ड जैसे वैश्विक नेटवर्क को टक्कर देने के लिए डिज़ाइन किया गया है। New Umbrella Entity (NUE) (न्यू अम्ब्रेला एंटिटी): भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा भुगतान प्रणालियों को संचालित करने और नवाचार करने के लिए नई संस्थाएं बनाने का पहले प्रस्तावित पहल। Data sovereignty (डेटा संप्रभुता): यह अवधारणा कि डेटा उन कानूनों और शासन संरचनाओं के अधीन है जहां डेटा एकत्र या संसाधित किया जाता है।