Economy
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Updated on 07 Nov 2025, 01:59 pm
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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मुख्य आर्थिक सलाहकार वी. अनंत नागेश्वरन ने चालू वित्त वर्ष के लिए भारत की जीडीपी वृद्धि दर के अनुमान को 6.8% से ऊपर कर दिया है, जो पिछले 6.3-6.8% के अनुमानों से एक वृद्धि है। यह आशावादी दृष्टिकोण जीएसटी (GST) के बाद बढ़ी हुई खपत, ब्याज दरों में कटौती, निजी पूंजीगत व्यय (capex) में तेजी और मजबूत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) प्रवाह जैसे कारकों से प्रेरित है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी वित्त वर्ष 26 के लिए जीडीपी वृद्धि अनुमान को बढ़ाकर 6.8% कर दिया है। अमेरिका के साथ व्यापार समझौते से अतिरिक्त समर्थन मिल सकता है। नागेश्वरन ने लागत प्रतिस्पर्धात्मकता और घरेलू उत्पादन को वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (global value chains) के साथ एकीकृत करने के लिए सहायक नियामक ढाँचों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि AI, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा के लिए फायदेमंद होने के बावजूद, नौकरियों में छंटनी का निकट-अवधि का जोखिम पैदा करता है। मजबूत जीडीपी पूर्वानुमान आम तौर पर निवेशक विश्वास को बढ़ाता है और विदेशी निवेश को आकर्षित करता है।