Economy
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Updated on 06 Nov 2025, 08:09 am
Reviewed By
Akshat Lakshkar | Whalesbook News Team
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गुरुवार के मध्याह्न सत्र के दौरान घरेलू बेंचमार्क सूचकांकों में मिला-जुला कारोबार देखा गया। बीएसई सेंसेक्स में मामूली बढ़ोतरी हुई, जो 0.17% बढ़कर 83,602.16 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 50 में 0.01% की मामूली गिरावट आई और यह 25,595.75 पर पहुँच गया। इस सतर्क भावना का मुख्य कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) से लगातार हो रही पैसे की निकासी और वैश्विक बाज़ार के अनिश्चित संकेत हैं।
निफ्टी 50 पर प्रमुख बढ़त वाले शेयरों में, अल्ट्राटेक सीमेंट 1.26% बढ़कर ₹11,968 पर पहुँच गया। गिरावट वाले शेयरों में, हिंडाल्को इंडस्ट्रीज सबसे ज़्यादा लुढ़की, 6.33% गिरकर ₹778.80 पर आ गई। ग्रासिम इंडस्ट्रीज में भी 5.93% की महत्वपूर्ण गिरावट देखी गई, जबकि अडानी एंटरप्राइजेज 3.37% गिरा, पावर ग्रिड 2.71% और ईशर मोटर्स 2.38% नीचे आए।
बीएसई पर गिरने वाले शेयरों (2,847) की संख्या बढ़ने वाले शेयरों (1,189) की तुलना में काफी ज़्यादा थी, जिससे बाज़ार की चौड़ाई कमज़ोर बनी रही। बड़ी संख्या में शेयरों ने अपने 52-सप्ताह के उच्च और निम्न स्तर को छुआ, और कई ऊपरी या निचली सर्किट सीमा पर पहुँचे, जो बढ़ी हुई अस्थिरता का संकेत देता है।
क्षेत्रवार प्रदर्शन भी व्यापक रूप से कमज़ोर रहा, जिसमें निफ्टी नेक्स्ट 50 और निफ्टी मिडकैप 100 जैसे सूचकांकों में गिरावट देखी गई। निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज और निफ्टी बैंक सूचकांकों ने भी मामूली नुकसान दर्ज किया।
प्रभाव: यह खबर एक अस्थिर बाज़ार की स्थिति का संकेत देती है, जो संस्थागत बिकवाली के दबाव और सतर्क निवेशक भावना से प्रेरित है। महत्वपूर्ण स्टॉक-विशिष्ट हलचलें बताती हैं कि व्यापक बाज़ार की अनिश्चितता के बीच व्यक्तिगत कंपनी प्रदर्शन और क्षेत्र के रुझान मुख्य चालक हैं। यदि FIIs की पैसे की निकासी जारी रहती है, तो समग्र सतर्क दृष्टिकोण बना रह सकता है। प्रभाव रेटिंग: 6/10.
कठिन शब्दों की व्याख्या: बेंचमार्क सूचकांक: ये शेयर बाज़ार संकेतक हैं, जैसे बीएसई सेंसेक्स और निफ्टी 50, जो शेयर बाज़ार के एक बड़े हिस्से के प्रदर्शन का प्रतिनिधित्व करते हैं और समग्र बाज़ार के रुझानों को मापने के लिए उपयोग किए जाते हैं। FII (Foreign Institutional Investor): ये विदेशी देशों में स्थित निवेश फंड हैं जिन्हें भारत जैसे देश के वित्तीय बाज़ारों में निवेश करने की अनुमति है। उनकी खरीद या बिक्री की गतिविधि बाज़ार की चाल को महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित कर सकती है। मार्केट ब्रेड्थ: यह एक तकनीकी संकेतक है जो एक दिन में बढ़ने वाले शेयरों की संख्या बनाम गिरने वाले शेयरों की संख्या को मापता है। एक व्यापक बाज़ार रैली में आमतौर पर बड़ी संख्या में बढ़ने वाले शेयर शामिल होते हैं, जबकि कमज़ोर चौड़ाई एक संकीर्ण रैली या घटते बाज़ार का सुझाव देती है। 52-सप्ताह का उच्च/निम्न: वह उच्चतम और निम्नतम मूल्य जिस पर एक शेयर पिछले 52 हफ्तों (एक वर्ष) के दौरान कारोबार किया गया है। अप्पर/लोअर सर्किट: ये स्टॉक एक्सचेंजों द्वारा निर्धारित मूल्य सीमाएँ हैं जो एक दिन में किसी स्टॉक की कीमत कितनी ऊपर (अप्पर सर्किट) या नीचे (लोअर सर्किट) जा सकती है, इसे सीमित करती हैं, जिसका उद्देश्य अस्थिरता को नियंत्रित करना है।