Economy
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Updated on 11 Nov 2025, 04:32 am
Reviewed By
Aditi Singh | Whalesbook News Team
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भारतीय इक्विटी बेंचमार्क, निफ्टी50 और बीएसई सेंसेक्स, ट्रेडिंग में सपाट नोट पर शुरू हुए। बाजार विशेषज्ञों को सूचकांकों में रेंज-बाउंड मूवमेंट की उम्मीद है, जिसमें मुख्य रूप से वैश्विक आर्थिक कारकों का प्रभाव रहेगा। बेहतर कॉर्पोरेट आय और भारत-अमेरिका व्यापार वार्ता में सकारात्मक विकास से संभावित ऊपरी समर्थन मिल सकता है। वैश्विक स्तर पर, अमेरिका के शेयर बाजारों ने महत्वपूर्ण लाभ दर्ज किया, जिसमें Nvidia और Palantir जैसे AI-संबंधित शेयरों के मजबूत प्रदर्शन का योगदान रहा। डॉ. वी.के. विजयकुमार, चीफ इन्वेस्टमेंट स्ट्रैटेजिस्ट एट जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड ने नोट किया कि भले ही AI शेयरों में 2000 जैसा बुलबुला नहीं दिख रहा है, उनकी निरंतर मजबूती विदेशी संस्थागत निवेशकों (FIIs) को भारतीय बाजारों में बिकवाली जारी रखने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है। उन्होंने निवेशकों को आगाह किया, यह उजागर करते हुए कि भारतीय खुदरा निवेशक अत्यधिक उच्च मूल्यांकन (आय के 230 गुना तक) पर सूचीबद्ध आईपीओ में निवेश कर रहे हैं, जिसे उन्होंने खतरनाक और अस्वास्थ्यकर प्रवृत्ति बताया, और सावधानी बरतने की सलाह दी। एशियाई इक्विटी ने भी अपनी बढ़त जारी रखी, और संभावित अमेरिकी फेडरल रिजर्व ब्याज दर में कटौती की उम्मीदों के चलते सोने की कीमतें लगभग तीन सप्ताह के उच्चतम स्तर पर पहुंच गईं। सोमवार को, एफआईआई ने 4,114 करोड़ रुपये के शुद्ध शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (DIIs) ने 5,805 करोड़ रुपये की शुद्ध खरीदारी की। प्रभाव: इस खबर का भारतीय शेयर बाजार के निवेशकों की भावना और ट्रेडिंग पैटर्न पर सीधा प्रभाव पड़ता है। वैश्विक बाजार की चालें और एफआईआई की गतिविधियां घरेलू बाजार के प्रदर्शन के प्रमुख चालक हैं। उच्च घरेलू आईपीओ मूल्यांकन खुदरा निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण जोखिम प्रस्तुत करते हैं।