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भारतीय बाज़ारों में इंट्राडे गिरावट से जबरदस्त रिकवरी, बार्गेन हंटिंग बनी मुख्य वजह; इंडेक्स मामूली घटकर बंद

Economy

|

Updated on 07 Nov 2025, 12:29 pm

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Reviewed By

Abhay Singh | Whalesbook News Team

Short Description:

शुक्रवार को भारतीय शेयर बाज़ारों, जिसमें निफ्टी 50 और सेंसेक्स शामिल हैं, ने इंट्राडे में हुई बड़ी गिरावट से ज़ोरदार वापसी की। बार्गेन हंटर्स और शॉर्ट-कवरिंग मुख्य चालकों के रूप में उभरे, जिससे निफ्टी 200 अंकों से ज़्यादा सुधरा और अपने 50-दिवसीय मूविंग एवरेज के करीब सहारा मिला। वित्तीय, धातु और बैंकिंग शेयरों में सबसे ज़्यादा बढ़त देखी गई, हालाँकि समग्र इंडेक्स मामूली रूप से नीचे बंद हुए। वैश्विक संकेतों में मिली-जुली प्रतिक्रिया और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली के चलते अनिश्चित भावना बनी हुई है, जिसके कारण अस्थिरता एक प्रमुख विषय बनी हुई है। आने वाले हफ़्ते के लिए महत्वपूर्ण सपोर्ट और रेजिस्टेंस स्तरों पर बारीकी से नज़र रखी जा रही है।
भारतीय बाज़ारों में इंट्राडे गिरावट से जबरदस्त रिकवरी, बार्गेन हंटिंग बनी मुख्य वजह; इंडेक्स मामूली घटकर बंद

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Stocks Mentioned:

HDFC Bank
ICICI Bank

Detailed Coverage:

शुक्रवार को भारतीय इक्विटी बेंचमार्क, निफ्टी 50 और सेंसेक्स ने इंट्राडे में हुई भारी गिरावट को पाटते हुए शानदार रिकवरी दिखाई। निफ्टी 50 अपने निम्नतम स्तर से 200 अंकों से ज़्यादा चढ़कर केवल 0.07% नीचे बंद हुआ, जबकि सेंसेक्स 0.11% की गिरावट के साथ समाप्त हुआ। इस उलटफेर को बार्गेन हंटर्स और शॉर्ट-कवरिंग ने बल दिया। निफ्टी को 25,300 के करीब 50-दिवसीय EMA पर महत्वपूर्ण सपोर्ट मिला, जिससे वित्तीय, धातु और बैंकिंग क्षेत्रों में खरीदारी को बढ़ावा मिला। एफडीआई कैप में बढ़ोतरी की अटकलों पर PSU बैंकों में भी तेज़ी देखी गई। प्रमुख बढ़त वाले शेयरों में HDFC बैंक, ICICI बैंक, बजाज फाइनेंस, रिलायंस इंडस्ट्रीज और स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शामिल थे। धातुओं में 1.4% का उछाल आया, जबकि निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज 0.76% बढ़ा। सबसे ज़्यादा गिरावट वाले शेयरों में हिंदुस्तान यूनिलीवर, नेस्ले इंडिया और एशियन पेंट्स शामिल थे। निफ्टी मिडकैप 100 ने बेहतर प्रदर्शन किया, लेकिन आईटी और एफएमसीजी पीछे रह गए। बाज़ार में उल्लेखनीय इंट्राडे अस्थिरता देखी गई, जिसमें कई स्टॉक 52-हफ़्ते के उच्चतम और निम्नतम स्तरों पर पहुँचे। विश्लेषक मिली-जुली कमाई, वैश्विक संकेतों और लगातार FII आउटफ्लो को बाधाएँ बताते हुए सतर्क बने हुए हैं। भारतीय रुपया अस्थिर रहा और सोने की कीमतों में स्थिरता बनी रही। अगले हफ़्ते के लिए देखने योग्य मुख्य तकनीकी स्तर निफ्टी के लिए 25,600–25,620 पर रेजिस्टेंस और 25,300 पर सपोर्ट हैं। बाज़ार प्रतिभागी वैश्विक विकास, घरेलू नतीजों और RBI की नीतियों का इंतज़ार कर रहे हैं। प्रभाव: यह खबर तकनीकी कारकों और सेक्टर की मजबूती से प्रेरित अल्पकालिक उछाल का संकेत देती है, लेकिन FII आउटफ्लो और वैश्विक अनिश्चितता जैसी अंतर्निहित बाधाएँ बनी हुई हैं, जो निरंतर अस्थिरता का सुझाव देती हैं। प्रभाव रेटिंग: 6/10। कठिन शब्द: निफ्टी 50: एनएसई पर 50 बड़ी भारतीय कंपनियों का सूचकांक। सेंसेक्स: बीएसई पर 30 बड़ी भारतीय कंपनियों का सूचकांक। इंट्राडे लोज़ (Intraday Lows): ट्रेडिंग दिवस के दौरान सबसे कम कीमत। बार्गेन हंटर्स (Bargain Hunters): कम मूल्य पर गिरे हुए परिसंपत्तियों को खरीदने वाले निवेशक। शॉर्ट-कवरिंग (Short-covering): पहले से बेची गई प्रतिभूतियों को वापस खरीदना। 50-दिवसीय ईएमए (50-day EMA): पिछले 50 दिनों की औसत कीमत, जिसमें हाल की कीमतों को अधिक महत्व दिया गया है। 20-दिवसीय ईएमए (20-day EMA): पिछले 20 दिनों की औसत कीमत, जिसमें हाल की कीमतों को अधिक महत्व दिया गया है। पीएसयू (PSUs): सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक, जिनमें सरकार का बहुमत स्वामित्व होता है। एफआईआई आउटफ्लो (FII Outflows): विदेशी निवेशकों द्वारा भारतीय प्रतिभूतियों की बिक्री। डीआईआई सपोर्ट (DII Support): घरेलू निवेशकों द्वारा भारतीय प्रतिभूतियों की खरीद। हाई-वेव कैंडल (High-wave candle): उच्च अस्थिरता और अनिश्चितता दर्शाने वाला कैंडलस्टिक पैटर्न। सेबी (SEBI): सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया, बाज़ार नियामक।


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