Economy
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Updated on 15th November 2025, 4:42 AM
Author
Abhay Singh | Whalesbook News Team
Q2 की कमाई, लंबे समय से चले आ रहे डाउनग्रेड साइकल के बाद अब स्थिर हो रही है, जो दूसरी छमाही के लिए सुधार का संकेत दे रही है। जीएसटी दरों में कटौती, संभावित अमेरिकी व्यापार सौदे और गिरती मुद्रास्फीति जैसे सकारात्मक आर्थिक कारक खपत और निवेश को बढ़ा रहे हैं। विश्लेषकों को उम्मीद है कि भारत एशिया से बेहतर प्रदर्शन करेगा, खासकर ईचर मोटर्स, एचएएल और अशोक लेलैंड जैसी कंपनियां 'पेंट-अप डिमांड' और 'ग्रोथ एक्सेलरेशन' के कारण अच्छी संभावनाएं दिखा रही हैं। हालांकि बाजार में अमेरिकी फेड दरों के फैसले और एआई वैल्यूएशन जैसी चिंताएं बनी हुई हैं, लेकिन समग्र दृष्टिकोण सतर्कतापूर्ण आशावादी है।
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Q2 कॉर्पोरेट नतीजों के मौसम के अंत से पता चलता है कि कमाई स्थिर हो रही है, जो एक लंबी ईपीएस (EPS) डाउनग्रेड साइकल का अंत है। गोल्डमैन सैक्स के विश्लेषकों ने पिछले तीन महीनों में इस स्थिरीकरण को नोट किया है, जो वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही के लिए एक उज्जवल दृष्टिकोण का सुझाव देता है। यह आशावाद कई आर्थिक चालकों द्वारा समर्थित है: जीएसटी दरों में कटौती से खपत बढ़ने की उम्मीद है, संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक संभावित व्यापार सौदा विकास को और बढ़ावा दे सकता है, और अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति के 0.25 प्रतिशत तक गिरने से ब्याज दरों में कटौती के लिए गुंजाइश बन रही है, जिससे खपत और निवेश दोनों को लाभ होगा। गोल्डमैन सैक्स यह भी देखता है कि एशिया की तुलना में भारत का प्रीमियम वैल्यूएशन सामान्य हो गया है, जो ऐतिहासिक रूप से मध्यम आउटपरफॉर्मेंस की ओर ले जाता है। यह सकारात्मक भावना शेयर बाजार की गतिविधियों और विश्लेषकों के विचारों में परिलक्षित होती है। उदाहरण के लिए, ईचर मोटर्स को 'पेंट-अप' मोटरसाइकिल मांग के कारण आशाजनक माना जाता है, एचएएल (HAL) दोहरे अंकों की वृद्धि का लक्ष्य रखता है, और अशोक लेलैंड "स्थायी गति" (enduring momentum) दिखा रहा है। सेलो वर्ल्ड की रेटिंग 'ग्रोथ एक्सेलरेशन' के कारण अपग्रेड की जा सकती है, और कमिंस इंडिया में "निकट अवधि की आय दृश्यता" (near-term earnings visibility) है। अन्य कंपनियों जैसे एप्टस वैल्यू हाउसिंग फाइनेंस इंडिया लिमिटेड, एंड्योरेंस टेक्नोलॉजीज लिमिटेड, डेटा पैटर्न्स (इंडिया) लिमिटेड, और टाटा स्टील लिमिटेड को भी सकारात्मक उल्लेख मिले हैं। हालांकि, स्टॉक वैल्यूएशन को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं, जिनमें एशियन पेंट्स लिमिटेड, एबीबी इंडिया लिमिटेड और बजाज फाइनेंस लिमिटेड उदाहरण हैं। फिर भी, विशेषज्ञों का तर्क है कि मामूली वैल्यूएशन प्रीमियम को संरचनात्मक रूप से कम पूंजी लागत द्वारा उचित ठहराया जाता है। बाजार सहभागियों की नजर अमेरिकी फेडरल रिजर्व की संभावित दिसंबर दर कटौती पर भी है, जिसमें अनिश्चितता व्यापार की गतिशीलता को प्रभावित कर रही है। यह बहस कि क्या आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) एक बुलबुला है या एक स्थायी विकास चालक, भी जारी है, जिसमें कुछ विश्लेषकों ने एआई शेयरों में उच्च एकाग्रता और दीर्घकालिक नकदी प्रवाह की क्षमता की कमी को चिंताएं बताया है। प्रभाव: यह खबर भारतीय शेयर बाजार को कॉर्पोरेट आय, आर्थिक संकेतकों और निवेशक भावना में अंतर्दृष्टि प्रदान करके महत्वपूर्ण रूप से प्रभावित करती है। सकारात्मक आर्थिक विकास और कंपनी-विशिष्ट विकास की संभावनाएं स्टॉक की कीमतों और क्षेत्र के प्रदर्शन को बढ़ावा दे सकती हैं। बाजार सहभागियों द्वारा निवेश निर्णय लेने के लिए इस जानकारी का उपयोग किया जाएगा। अमेरिकी फेड नीति, एआई और मुद्रा आंदोलनों पर चर्चाएं भी बाजार की अस्थिरता को बढ़ाती हैं।