Economy
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Updated on 05 Nov 2025, 05:58 am
Reviewed By
Abhay Singh | Whalesbook News Team
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केंद्रीय सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष की पहली छमाही में ₹5,80,746 करोड़ का निवेश करके अपने पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) को तेज कर दिया है। यह पिछले साल की समान अवधि में खर्च किए गए ₹4,14,966 करोड़ की तुलना में 40% की महत्वपूर्ण वृद्धि दर्शाता है। सरकार ने पहली छमाही के अंत तक वित्तीय वर्ष के लिए आवंटित कुल कैपेक्स का 51% उपयोग कर लिया है, जो पिछले पांच वर्षों में पहली छह महीनों में देखी गई उच्चतम उपयोग दर है। कैपेक्स को 'फ्रंट-लोडिंग' करने की यह रणनीति सार्वजनिक बुनियादी ढांचा विकास में गति प्रदान कर रही है, जिसमें रेल मंत्रालय और राजमार्ग मंत्रालय सबसे अधिक खर्च कर रहे हैं। हालांकि दूरसंचार और आवास जैसे मंत्रालयों ने पिछड़ दिखाया है, लेकिन समग्र रुझान सकारात्मक है। निजी कैपेक्स इरादों पर एक सर्वेक्षण भी आशाजनक वृद्धि दिखा रहा है, जिसमें पिछले वित्तीय वर्ष में प्रति उद्यम सकल स्थिर संपत्ति में 27.5% की वृद्धि हुई है। Impact सरकारी पूंजीगत व्यय में यह पर्याप्त वृद्धि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अत्यंत सकारात्मक है। इससे आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलने, रोजगार बढ़ने और निर्माण, सीमेंट, इस्पात और विनिर्माण जैसे क्षेत्रों में मांग बढ़ने की उम्मीद है। सार्वजनिक बुनियादी ढांचे में मजबूत प्रदर्शन, बढ़ते निजी निवेश के साथ मिलकर, मजबूत आर्थिक गतिविधि का संकेत देता है और संबंधित शेयरों में महत्वपूर्ण निवेश अवसर पैदा कर सकता है। Rating: 8/10 Difficult Terms Capital Expenditure (Capex): सरकार या कंपनी द्वारा भवनों, मशीनरी और बुनियादी ढांचे जैसी भौतिक संपत्तियों को प्राप्त करने, उन्नत करने और बनाए रखने के लिए उपयोग किया जाने वाला धन। Front-loading: किसी निश्चित अवधि में सामान्य से अधिक खर्च या कार्य को पहले ही निर्धारित करना। Public Infrastructure Spending: सरकार द्वारा सड़कों, पुलों, रेलवे, बिजली ग्रिड और जल प्रणालियों जैसी आवश्यक सार्वजनिक सुविधाओं में निवेश। Gross Fixed Assets: किसी व्यवसाय की मूर्त संपत्तियां जिनका उपयोग उसके संचालन में किया जाता है और जिनसे एक वर्ष से अधिक समय तक चलने की उम्मीद की जाती है, जैसे कि संपत्ति, संयंत्र और उपकरण।